सिविल लाइंस में यातायात वन-वे करने का सुझाव, नोटिस से प्रयागराज के व्यापारी आ गए हैं तनाव में

प्रतिनिधिमंडल ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के जोनल अधिकारी आलोक कुमार पांडेय से मिलकर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने रोड चौड़ीकरण से होने वाली तोडफ़ोड़ के बचाव के लिए सिविल लाइंस क्षेत्र में यातायात वन-वे करने का सुझाव दिया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 01:39 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 05:33 PM (IST)
सिविल लाइंस में यातायात वन-वे करने का सुझाव, नोटिस से प्रयागराज के व्यापारी आ गए हैं तनाव में
पीडीए के जोनल अधिकारी से मिला कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सिविल लाइंस व्यापार मंडल और प्रयाग व्यापार मंडल के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के जोनल अधिकारी आलोक कुमार पांडेय से मिलकर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने रोड चौड़ीकरण से होने वाली तोडफ़ोड़ के बचाव के लिए सिविल लाइंस क्षेत्र में यातायात वन-वे करने का सुझाव दिया। कहा गया कि रोड चौड़ीकरण के लिए दिए गए ध्वस्तीकरण नोटिस से व्यापारी मानसिक तनाव में हैं और वह बहुत असहज महसूस कर रहे हैं।

प्रतिष्ठानों को नुकसान न पहुंचाने की मांग

कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें अवगत कराया कि पूर्व में इसी प्रकार से तोडफ़ोड़ शुरू की गई थी तो जिलाधिकारी और प्राधिकरण उपाध्यक्ष से मिलकर सुझाव दिया गया था कि सड़कों से बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर हटवा दिए जाएं तो सड़कें चौड़ी हो जाएंगी। इन मार्गों को वन-वे करने का भी सुझाव दिया गया था, क्योंकि सड़कों पर यातायात का दबाव कम है। ऐसे में प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाए बिना आवश्यकतानुसार सड़क की चौड़ीकरण और सुंदरीकरण किया जा सकता है। जोनल अधिकारी ने कहा कि सभी काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कराए जा रहे हैं। वहीं, प्रतिनिधिमंडल ने स्मार्ट सिटी सलाहकार समिति में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं संभ्रांत नागरिकों को शामिल करने की मांग की, ताकि योजना में बार-बार संशोधन न करना पड़े। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिविल लाइंस व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील खरबंदा और महामंत्री शिवशंकर ङ्क्षसह ने किया। प्रतिनिधिमंडल में प्रयाग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विजय अरोरा, आशीष अरोरा, इंदर मध्यान्ह, हर्षित अग्रवाल, शशांक अग्रवाल, रितेश सिंह, शेख डाबर वकील, सरदार इंद्रप्रीत सिंह, डा. सुभाष यादव आदि मौजूद रहे।

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