ऐसे थे मुश्किल हालात, प्रयागराज के परिवार में पांच थे कोरोना पॉजीटिव, मां-बेटे ने जोखिम में सबका रखा ख्याल

म विभाग में प्रोग्राम मैनेजर सर्वेश पांडेय बीमारी के दिनों को याद कर भावुक हो उठते हैं। कहते हैं कि जब पूरे परिवार की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई तो लगा सब कुछ खत्म हो गया। बीच में हालत खराब होने पर एक दिन के लिए ऑक्सीजन लेने अस्पताल जाना पड़ा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 07:00 AM (IST)
ऐसे थे मुश्किल हालात, प्रयागराज के परिवार में पांच थे कोरोना पॉजीटिव, मां-बेटे ने जोखिम में सबका रखा ख्याल
मां ने हौसला बढ़ाने, आशीर्वाद देने के साथ ही रात में जग कर तीमारदारी भी की।

प्रयागराज, जेएनएन। सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाए...। मां एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाए...। इन पंक्तियों के भाव को बड़ी शिद्दत से महसूस किया है सोहबतियाबाग निवासी सर्वेश पांडेय ने। पिछले दिनों वह कोरोना संक्रमण की जद में आ गए। उनके साथ 82 वर्षीय पिता उदयशंकर पांडेय, 43 वर्षीय पत्नी शशि बाला, 20 वर्षीय बेटी अमृता पांडेय, 15 वर्षीय बेटा प्रशस्ति पांडेय की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई। घर में 70 वर्षीय मां गीता पांडेय व छोटा बेटा 14 वर्षीय श्रेयस ही स्वस्थ थे। हर तरह की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों पर थी। इस मुश्किल घड़ी में मां ने हौसला बढ़ाने, आशीर्वाद देने के साथ ही रात में जग कर तीमारदारी भी की।

पांच लोग हुए पॉजीटिव तो घर में सब परेशान
श्रम विभाग में प्रोग्राम मैनेजर सर्वेश पांडेय बीमारी के दिनों को याद कर भावुक हो उठते हैं। कहते हैं कि जब पूरे परिवार की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई तो लगा सब कुछ खत्म हो गया। बीच में हालत खराब होने पर एक दिन के लिए ऑक्सीजन लेने अस्पताल भी जाना पड़ा। वहां से लौटने पर देखभाल का पूरा जिम्मा मां ने संभाला। वह स्वयं हृदय रोग से पीडि़त हैं फिर भी मजबूती से परिस्थितियों का सामना किया। दवा देने से लेकर साफ सफाई, गर्म पानी, भाप, काढ़ा नियमित रूप से देती रहीं। भगवान की पूजा खुद भी करतीं और हम सब को भी प्रेरित करतीं। सर्वेश कहते हैं कि छोटी बहन प्रज्ञा मिश्र अपने घर कटरा से हर रोज भोजन बनाकर लाती थीं। बहनोई शैलेष मिश्र भी नियमित रूप से हालचाल लेते रहते।

नीम की पत्तियां व अदरक का टुकड़ा डालकर दिलाया भाप
गीता पांडेय कहती हैं कि जब सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो लोग घबरा गए लेकिन स्वस्थ होने के लिए मानसिक तौर पर मजबूत होना जरूरी है। हमने सबसे कहाकि रोज गर्म पानी पियो, पानी में नीम की पत्नी व अदरक डालकर भाप लो। यह काम दो से तीन बार सभी से कराते रहे। बच्चे नहीं करना चाहते थे पर उन्हेंं भाप लेने के लिए डाट भी लगाई। फिर सब ठीक हो गया।

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