इलाहाबाद विश्वविद्यालय : इस कोर्स में पढ़ाई के साथ ही छात्रों की आय भी होगी

यूजीसी से मान्यता प्राप्त इस कोर्स में प्रवेश के लिए सत्र 2020-21 में 19 सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 14 Jun 2020 06:18 PM (IST) Updated:Mon, 15 Jun 2020 07:42 AM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय : इस कोर्स में पढ़ाई के साथ ही छात्रों की आय भी होगी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय : इस कोर्स में पढ़ाई के साथ ही छात्रों की आय भी होगी

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंतरविषयीय संस्थान के अंतर्गत संचालित सेंटर आफ साइंस एंड सोसाइटी में पढ़ाई के साथ ही अर्निंग भी छात्र कर सकते हैं। विभाग में परास्नातक पाठ्यक्रम डिजाइन एंड इनोवेशन इन रूरल टेक्नोलॉजी में करने की सुविधा है।

प्रवेश की प्रक्रिया शुरू है

परास्नातक पाठ्यक्रम डिजाइन एंड इनोवेशन इन रूरल टेक्नोलॉजी में भी प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कोर्स में वही छात्र प्रवेश ले सकते हैं, जिन्होंने स्नातक में वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान अथवा कृषि विज्ञान विषय लिया हो अथवा कृषि से स्नातक हों।

आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून

यूजीसी से मान्यता प्राप्त इस कोर्स में प्रवेश के लिए सत्र 2020-21 में 19 सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है। परास्नातक की डिग्री के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा संचालित परियोजनाओं में कार्य करने का और उसके एवज में कमाई का अवसर देने वाला यह विश्वविद्यालय का अनोखा कोर्स है।

सेंटर आफ साइंस एंड सोसाइटी का प्लेसमेंट का शानदार रिकार्ड रहा है

केंद्र में वर्तमान में डीआइसी और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन परियोजना संचालित है। सेंटर आफ साइंस एंड सोसाइटी का प्लेसमेंट का शानदार रिकार्ड रहा है। इस परास्नातक कोर्स के प्रथम बैच से ही यहां के छात्रों का विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं शोध संस्थाओं में डंका बजता रहा है। वर्तमान में यहां के छात्रों को छह लाख का पैकेज मिल चुका है।

दाखिले को 56548 आवेदन

इविवि और संघटक महाविद्यालयों में दाखिले के लिए अब तक कुल 123797 ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 56548 ने अंतिम तौर पर आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली। उक्त जानकारी प्रवेश प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. शैलेंद्र राय ने दी।

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