Allahabad University प्रशासन का बड़ा फैसला, यूजी द्वितीय वर्ष वाले प्रोन्नत, तृतीय वर्ष वाले उत्तीर्ण

इविवि समेत संघटक कॉलेजों में ऑनलाइन मोड में तीन अप्रैल से परीक्षाएं शुरू हो चुकी थीं। फिर कोरोना के मामले अचानक तेजी से बढऩे लगे। इविवि समेत कॉलेजों के शिक्षक और कर्मचारी इसके चपेट में आने लगे। नौ अप्रैल को आपात बैठक में इविवि बंद कर परीक्षाएं टाल दी गईं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 02:58 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 10:50 PM (IST)
Allahabad University प्रशासन का बड़ा फैसला, यूजी द्वितीय वर्ष वाले प्रोन्नत, तृतीय वर्ष वाले उत्तीर्ण
प्रथम वर्ष के अलावा परास्नातक और प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई-अगस्त में

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की वजह से इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक कॉलेजों में अध्ययनरत स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अगली कक्षा के लिए प्रोन्नत करने का फैसला लिया गया है। तृतीय वर्ष के विद्यार्थी उत्तीर्ण घोषित किए जाएंगे। सेमेस्टर पाठ्यक्रम के तहत परास्नातक और इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आईपीएस) में अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर सभी छात्र-छात्राओं को भी प्रोन्नत किए जाने पर सहमति बनी है। मंगलवार को कुलपति की अध्यक्षता में ऑनलाइन मोड में हुई परीक्षा समिति की बैठक में इस पर मुहर लग गई।

कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षाएं टाली गई थीं

इविवि की जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर जया कपूर ने बताया कि अगली कक्षा के लिए प्रोन्नत परीक्षार्थियों के पिछली कक्षा में किए गए प्रदर्शन को आधार माना जाएगा। इसी को आधार मानकर परीक्षार्थियोंको अंकपत्र भी दिया जाएगा। स्नातक प्रथम वर्ष और परास्नातक तथा प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई अथवा अगस्त में कराने पर सहमति बनी है। यदि कोरोना संक्रमण कम नहीं हुआ तो यह परीक्षाएं आगे के लिए स्थगित की जा सकती हैं। 

कोरोना संक्रमण की वजह से परीक्षा कराना चुनौती

इविवि समेत संघटक कॉलेजों में ऑनलाइन मोड में तीन अप्रैल से परीक्षाएं शुरू हो चुकी थीं। फिर कोरोना के मामले अचानक तेजी से बढऩे लगे। इविवि समेत कॉलेजों के शिक्षक और कर्मचारी इसके चपेट में आने लगे। नौ अप्रैल को आपात बैठक में इविवि बंद करते हुए परीक्षाएं टाल दी गईं। बीच में 30 अप्रैल से परीक्षा कराने की तैयारी शुरू हुई, लेकिन संक्रमण बढऩे लगा तो चार जुलाई तक इविवि बंद करने का फैसला लिया गया। ऐसे में परीक्षार्थियों में संशय की स्थिति थी।

 
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