हॉस्टल के कमरे की चाबी को छात्र परेशान, विश्वविद्यालय प्रशासन से लगा रहे गुहार
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में छापेमारी के दौरान कई वैध छात्रों के कमरे भी सील किए गए थे। उस समय छात्र किसी काम से बाहर गए थे। अब वह चाबी के लिए भटक रहे हैं।
प्रयागराज : रोहित शुक्ला हत्याकांड के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर हॉस्टलों में हुई छापेमारी की कार्रवाई की गई। इसका खामियाजा उन छात्रों को भुगतना पड़ रहा है जो, वैध रूप से वहां रहते थे। हॉस्टलों में रहने वाले कई छात्र छापेमारी के दौरान अपने गांव या कहीं और गए थे। लौट कर आने पर पता चला कि उनका कमरा सील कर दिया गया है और किताब-कॉपी और अन्य सामान बाहर फेंक दिए गए हैं। अब वे छात्र चाबी के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के जिम्मेदार लोगों से गुहार लगा रहे हैं। इसमें कई छात्र ऐसे हैं जिनकी परीक्षाएं भी चल रही हैं।
जरूरी काम से बाहर गया था, कमरे में बंद कर दिया गया ताला
छात्र अरविंद कुमार कहते हैं कि वह आवश्यक कार्य से बाहर गए थे। कमरे में ताला बंद किया गया था लेकिन आने पर सामान बाहर फेंका मिला। बताया कि परीक्षाएं चल रही हैं और वह दोस्तों के साथ उनके कमरे में रहने को विवश हैं। चाबी तक नहीं मिली। इसी तरह एसएसएल, पीसीबी, डीजे, जेएन झा, केपीयूसी समेत अन्य हॉस्टलों में भी कई छात्र हैं जिनका सामान कमरे से बाहर फेंका गया है, वह चाबी के लिए अधीक्षक से लेकर चीफ प्रॉक्टर तक से गुहार लगा रहे हैं। उन्हें यह बताया जाता है कि जांच करके चाबी दी जाएगी।
आइकार्ड आदि कागजात दिखा ले सकते हैं चाबी : चीफ प्राक्टर
विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. रामसेवक कहते हैं कि जो छात्र वैध रूप से रहते थे, वह अपना आइकार्ड व अन्य कागज दिखाकर चाबी ले सकते हैं। जो लोग अवैध रूप से हॉस्टलों में कब्जा किए थे सिर्फ वही यहां आने से कतरा रहे हैं।