Street Vendors of Prayagraj : ...तो इस कारण स्ट्रीट वेंडर अपना रोजगार फिर से नहीं कर पा रहे हैं शुरू
Street Vendors of Prayagraj लॉकडाउन में स्ट्रीट वेंडरों के ठप हुए रोजगार को गति देने के लिए उन्हें लोन मुहैया कराने के मकसद से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि रोजगार योजना की शुरुआत की। योजना के तहत शहरी क्षेत्र में 57136 स्ट्रीट वेंडरों को लोन देने का लक्ष्य निर्धारित था।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल योजना के तहत भी लोन देने में तमाम बैंक आनाकानी कर रहे हैं। बैंक अफसरों के पेच फंसाने से बहुत से स्ट्रीट वेंडरों को लोन मिलने में परेशानी हो रही है। वह बैंक के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अफसर कोई न कोई बहाना बनाकर उन्हें वापस लौटा दे रहे हैं। लोन न मिलने के कारण स्ट्रीट वेंडर अपना रोजगार फिर से नहीं शुरू कर पा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि रोजगार योजना की शुरुआत की थी
लॉकडाउन में स्ट्रीट वेंडरों के ठप हुए रोजगार को गति देने के लिए उन्हें लोन मुहैया कराने के मकसद से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि रोजगार योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र में 57136 स्ट्रीट वेंडरों को लोन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। डूडा की ओर से 30132 स्ट्रीट वेंडर चिन्हित किए गए हैं। इसमें से 27930 का पंजीयन हो चुका है और 25887 वेंडरों का लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन हो चुका है। हालांकि इसमें से लोन सिर्फ 10184 वेंडरों को ही मिल सका है। लोन देने की गति धीमी होने के कारण सरकार ने भी नाराजगी जताई है।
बैंक अफसर कर रहे आनाकानी
इस संबंध में नगर आयुक्त रवि रंजन ने भी एक बैंक में सोमवार को दौरा किया था। उन्होंने स्ट्रीट बेंडरों के स्वीकृत लोन देने के लिए मैनेजर से कहा था। सारी औपचारिकताएं निगम द्वारा पूरी करके ही लोन की स्वीकृति प्रदान की जा रही है। इसके बावजूद बैंक अफसरों के आनाकानी से पात्र लाभार्थियों को भी लोन के लिए चक्कर लगाने पड़े हैं।