कौशांबी में बैंकों की अनदेखी से स्ट्रीट वेंडरों को नहीं मिला रहा स्वरोजगार
कोविड 19 लॉकडाउन के कारण व्यवसाय में नुकसान का सामना कर रहे रेहड़ी-पटरी वालों व छोटे दुकान वाले अपना कारोबार फिर से शुरू कर सके। इसके लिए केंद्र सरकार ने दो जुलाई 2020 को पीएम स्वनिधि योजना लागू की है।
प्रयागराज, जेएनएन। कौशांबी में पीएम स्वनिधि योजना के तहत शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स को एक साल की अवधि के लिए बगैर किसी तरह की गारंटी के दस हजार रुपये तक का ऋण देने की व्यवस्था है। इसके लिए शासन स्तर से जिला प्रशासन व नगरीय विकास अभिकरण की ओर से लक्ष्य भी निर्धारित किया है। हालांकि इसे लेकर अफसरों की अनदेखी की वजह से जरूरतमंदों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कोविड 19 लॉकडाउन के कारण व्यवसाय में नुकसान का सामना कर रहे रेहड़ी-पटरी व छोटे दुकानदार अपना कारोबार फिर से शुरू कर सकें, इसके लिए केंद्र सरकार ने दो जुलाई 2020 को पीएम स्वनिधि योजना लागू की। इसके तहत शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जनपद के 5117 स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण देना है। इसकी जिम्मेदारी नगर पंचायत प्रशासन व नगरीय विकास अभिकरण को दी गई है। योजना को लेकर जिम्मेंदार संजीदा नहीं हैं। इसकी वजह से तीन माह बीतने के बाद सर्वे का कार्य पूरा नहीं हुआ।
विभागीय आंकड़े को देखें तो 4246 लोगों का चयन किया गया है। नगरीय विकास अभिकरण द्वारा 2057 लोगों के फार्म की आनलाइन फीडिंग की गई है। लाभार्थियों की मानें तो बैंक भी ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं। 1346 लोगों ऋण देने के लिए बैंकों ने स्वकृति की है, जिसमें महज 814 आवेदकों को ऋण दिया गया। नगर पालिका परिषद भरवारी के मोहन लाल, अंकित कुमार, सिराथू के राजेंद्र प्रसाद व मंझनपुर के वाहिद अली ने बताया कि स्वरोजगार से जुड़ने के लिए आवेदन किया है, लेकिन बैंक से ऋण नहीं मिला, जिसकी वजह परेशानी हो रही है। इसके अलावा भी कई आवेदक ऋण के लिए भटक रहे हैं।
अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार कहते हैं कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स का चयन कर ऋण दिलाने के लिए सभी ईओ को लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिन लाभार्थियों ने ऋण लेने के लिए आवेदन किया है, यदि वह पात्र है तो हर हाल में उन्हें ऋण दिलाया जाएगा। योजना में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।