Assistant Teacher Recruitment : फर्जीवाड़ा की जांच में अब STF को भी लगाया गया Prayagraj News

Assistant Teacher Recruitment की जांच में पुलिस का साथ देने के लिए अब एसटएफ को भी लगाया गया है। गिरोह में अन्‍य लोगों के भी शामिल होने की जानकारी मिली है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 10 Jun 2020 02:00 AM (IST) Updated:Wed, 10 Jun 2020 08:00 AM (IST)
Assistant Teacher Recruitment : फर्जीवाड़ा की जांच में अब STF को भी लगाया गया Prayagraj News
Assistant Teacher Recruitment : फर्जीवाड़ा की जांच में अब STF को भी लगाया गया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन।  सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा मामले में अब स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) भी लग गई है। कई जिलों तक गिरोह का नेटवर्क फैले होने तथा कुछ अन्य अभ्यर्थियों भी के शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद एसटीएफ की मदद ली गई है। अनुमान है कि सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद ही नेटवर्क का राजफाश होगा। अब तक सरगना समेत 11 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। 

दो आरोपितों की तलाश में पुलिस कर रही छापेमारी

मामले में नामजद आरोपित भदोही के मायापति दुबे और वांछित प्रतापगढ़ के दुर्गेश व संदीप पटेल की तलाश चल रही है। सोरांव पुलिस ने कई स्थानों पर छापेमारी की, लेकिन अभियुक्त पकड़ में नहीं आ सके। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ से मदद मांगी गई है। बताते चलें कि कुछ दिन पहले प्रतापगढ़ के राहुल सिंह ने सोरांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में जुगाड़ से पास कराने के लिए उससे साढ़े सात लाख रुपये लिए गए थे, लेकिन रिजल्ट आया तो उसका नाम नहीं था। पुलिस ने जांच शुरू की तो बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।

पूर्व जिपंस व स्‍कूल प्रबंधक गिरोह के सरगना

पता चला कि बहरिया निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य और स्कूल प्रबंधक केएल पटेल गिरोह का सरगना है। वह अपने कई साथियों के साथ मिलकर शिक्षक भर्ती व दूसरी परीक्षाओं में पास कराने से लेकर नियुक्ति दिलाने तक के लिए लाखों रुपये का ठेका लेता था। उसके स्कूल से 14 लाख व साथियों के पास से साढ़े सात लाख रुपये, लैपटॉप, डायरी व अन्य दस्तावेज बरामद हुए। फिर शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी धर्मेंद्र पटेल व विनोद यादव की गिरफ्तारी हुई, जिन्होंने लिखित परीक्षा में पास होने के लिए क्रमश: आठ व 12 लाख रुपये दिए थे।

दूसरे दुर्गेश को पकड़ा, फिर छोड़ा

प्रतापगढ़ में दबिश देने गई पुलिस को असली दुर्गेश चकमा देकर भाग निकला। पुलिस दुर्गेश नाम के ही दूसरे शख्स को उठा लाई।  सरगना से सामना कराने पर पता चला कि यह दुर्गेश गिरोह का सदस्य नहीं है। इस पर उसे छोड़ दिया गया। एएसपी केवी अशोक ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क कई जिलों में फैला है। इस कारण एसटीएफ की मदद ली जा रही है। जल्द ही फरार अभियुक्तों को दबोच लिया जाएगा।

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