प्रयागराज में भाजपा नेता की हत्या की साजिश रच रहे तीन शार्प शूटर गिरफ्तार, एसटीएफ ने घेरकर किया अरेस्ट

लखनऊ एसटीएफ की टीम प्रयागराज आई और फिर प्रयागराज एसटीएफ की मदद से शूटरों के बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद फूलपुर के मो. शानू मनोज और सोरांव के दिलशाद अली को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी के खिलाफ फूलपुर थाने में मुकदमा लिखा गया है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 09:30 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 09:30 PM (IST)
प्रयागराज में भाजपा नेता की हत्या की साजिश रच रहे तीन शार्प शूटर गिरफ्तार, एसटीएफ ने घेरकर किया अरेस्ट
लखनऊ एसटीएफ की टीम प्रयागराज आई और फिर प्रयागराज एसटीएफ की मदद से शूटरों के बारे में जानकारी जुटाई।

प्रयागराज,जेएनएन। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने भाजपा के गंगापार ईकाई के जिला मंत्री रोहित केसरी की हत्या की साजिश का पर्दाफाश करते हुए तीन शार्प मो. शानू उर्फ वकील उर्फ लंबू, मनोज सोयरी और दिलशाद अली को गिरफ्तार किया है। कत्ल की साजिश जौनपुर जेल में बंद हत्यारोपित सिराज उर्फ सोनू ने अपने साथियों के साथ मिलकर रची थी। मामले में फूलपुर निवासी सिराज की बीवी, बाबा, आदिल व दो अन्य अभी फरार हैं। उनकी तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं।

एसटीएफ लखनऊ यूनिट के प्रभारी डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह ने बताया कि फूलपुर के लोचनगंज निवासी भाजपा नेता पवन केसरी की आठ मई 2018 की रात चुनावी रंजिश में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस हत्याकांड में सिराज समेत 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था। कुछ दिनों बाद सिराज को नैनी जेल से जौनपुर ट्रांसफर कर दिया गया था। जबकि रोहित अपने भाई पवन के हत्यारोपितों को सजा दिलवाने के लिए पैरवी कर रहे थे। रोहित को सरकारी गनर की सुरक्षा भी मिली हुई है। इसी बीच पता चला कि जौनपुर जेल में बंद सिराज अपने मुकदमे के गवाह को मारने की षडयंत्र रच रहा है। तब एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के निर्देश पर डिप्टी एसपी लाल प्रताप और इंस्पेक्टर अंजनी कुमार तिवारी की टीम को साजिश का पर्दाफाश करने व अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया। लखनऊ एसटीएफ की टीम प्रयागराज आई और फिर प्रयागराज एसटीएफ की मदद से शूटरों के बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद फूलपुर के मो. शानू, मनोज और सोरांव के दिलशाद अली को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी के खिलाफ फूलपुर थाने में मुकदमा लिखा गया है।

पांच लाख रुपये की दी गई थी सुपारी-

एसटीएफ का कहना है कि सिराज ने अपने दोस्तों के जरिए हत्या के लिए पांच लाख रुपये की सुपारी दी थी। अपने परिचित के खाते में 75 हजार रुपये एडवांस डाल दिया था, जबकि बाकी रकम काम होने के बाद देने की बात कही गई थी। कत्ल के लिए पैसा, गाड़ी और असलहे की व्यवस्था हो चुकी थी। आदिल अपने साथियों के साथ रोहित की लगातार रेकी भी कर रहा था। साथ ही सिराज के घर और उसके झूंसी स्थित ससुराल में ठहरते थे। पकड़ा गया शानू व मनोज मुंबई के भिवंडी में हुई हत्या के मुकदमे में भी वांछित थे।

रोहित को कलुआ कहते थे शूटर-

शूटर रोहित को असली नाम की बजाय कलुआ के नाम से पुकारते थे। इतना ही नहीं शातिर अपराधी फर्जी सिम कार्ड भी इस्तेमाल करते थे। छानबीन में यह भी पता चला है कि फरार बाबा अपने साथियों के पास असलहा, कारतूस व बाइक रखा था। रोहित की हत्या उस वक्त करने की तैयारी थी, जब वह एक सैलून पर अपना बाल कटवा रहे थे, मगर इससे पहले ही शूटर एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए।

सिराज की बीवी करती थी मदद

हत्या की साजिश रचने से लेकर शूटरों की मदद करने में सिराज की बीवी भी शामिल है। डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह ने बताया कि वह शूटरों को खाना खिलाने से लेकर असलहा रखने की जगह बताती थी। इस मामले में इंस्पेक्टर अंजनी तिवारी की ओर से फूलपुर थाने में सिराज उर्फ सोनू, उसकी बीवी, शानू उर्फ लंबू, बाबा, आदिल, मनोज व एक अन्य के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया है।

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