State University: परीक्षा परिणाम अगस्‍त में, नकल में फंसे 250 परीक्षार्थियों को करना होगा इंतजार

State University प्रयागराज मंडल के चारों जिलों (प्रयागराज कौशांबी फतेहपुर प्रतापगढ़) में आफलाइन मोड में राज्य विश्‍वविद्यालय की परीक्षाएं चल रहीं थीं। इस दौरान उड़ाका दल ने नकल सामग्री के साथ 250 परीक्षार्थियों को पकड़ा। ऐसे में इनका परीक्षा परिणाम फंस सकता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:41 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:41 AM (IST)
State University: परीक्षा परिणाम अगस्‍त में, नकल में फंसे 250 परीक्षार्थियों को करना होगा इंतजार
प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विवि की परीक्षा समिति से बरी होने पर ही नकलचियों का परिणाम घोषित होगा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय की परीक्षाएं अब खत्म हो गई हैं। उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन का कार्य भी शुरू हो गया है। अगस्त के आखिरी सप्ताह में विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा परिणाम जारी करने की तैयारी में है। हालांकि, 250 परीक्षार्थियों को परिणाम के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। क्योंकि, यह नकल के आरोप में उड़ाका दल के चंगुल में फंस गए थे।

उड़ाका दल ने 250 परीक्षार्थियों को नकल करते पकड़ा था

प्रयागराज मंडल के चारों जिलों (प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़) में आफलाइन मोड में राज्य विश्‍वविद्यालय की परीक्षाएं चल रहीं थीं। इस दौरान उड़ाका दल ने नकल सामग्री के साथ 250 परीक्षार्थियों को पकड़ा। ऐसे में इनका परीक्षा परिणाम फंस सकता है। इसके पीछे वजह यह है कि मामला परीक्षा समिति के समक्ष जाता है। परीक्षा समिति के कोर्ट से बरी होने पर ही अगला निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, कुलपति के अनुमोदन के बाद ही अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

राज्‍य विश्‍वविद्यालय के कुलपति ने कहा

प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय परिसर में गुरुवार से उत्‍तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का कार्य भी शुरू हो गया। राज्‍य विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश सिंह का कहना है कि नकल के आरोप में पकड़े गए छात्रों के मामले में परीक्षा समिति निर्णय लेगी। उड़ाका दल की ओर से साक्ष्य आदि पेश करने पर उनका भी तर्क सुना जाएगा। इसके बाद संतुष्ट होने पर ही इन परीक्षार्थियों के परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। यदि समिति तर्क से असंतुष्ट रहती है तो परीक्षार्थी के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

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