Sri Krishna Janmashtami 2020 : इस बार दो नहीं तीन दिन मनाया जाएगा जन्मोत्सव, संयोग ही कुछ ऐसा है

Sri Krishna Janmashtami 2020 अष्टमी तिथि का संयोग 11 अगस्त को है लेकिन उदया तिथि मानने वाले 12 अगस्त को कृष्ण जन्म मनाएंगे। रोहिणी नक्षत्र मानने वाले 13 को मनाएंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 09:11 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 04:27 PM (IST)
Sri Krishna Janmashtami 2020 : इस बार दो नहीं तीन दिन मनाया जाएगा जन्मोत्सव, संयोग ही कुछ ऐसा है
Sri Krishna Janmashtami 2020 : इस बार दो नहीं तीन दिन मनाया जाएगा जन्मोत्सव, संयोग ही कुछ ऐसा है

प्रयागराज, जेएनएन। इस बार श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी दो नहीं बल्कि तीन दिन तक मनाई जाएगी। इसका कारण है कृष्‍ण जन्मोत्सव पर सालों बाद अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र का एक साथ योग नहीं बनना है। इसके चलते श्रद्धालु अलग-अलग दिनों में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। ऐसे में जन्माष्टमी का पर्व तीन दिन मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि का संयोग 11 अगस्त को है लेकिन उदया तिथि मानने वाले भक्त 12 अगस्त को श्रीकृष्ण का जन्म मनाएंगे। रोहिणी नक्षत्र मानने वाले साधक 13 अगस्त को जन्मोत्सव मना सकते हैं।

ज्‍योतिर्विद आचार्य देवेंद्र बोले-श्रद्धा से अलग-अलग दिन मना सकते हैं पर्व

ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि निर्णय सिंधु व धर्म सिंधु के अनुसार श्रद्धालु अपनी श्रद्धा व मान्यता से अलग-अलग दिनों में जन्माष्टमी का पर्व मना सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि 11 अगस्त मंगलवार की सुबह 06.14 बजे से अष्टमी तिथि लग जाएगी जो 12 अगस्त की सुबह 08.01 बजे तक रहेगी। दोनों दिन रोहिणी नक्षत्र का योग नहीं है। 11 अगस्त को कृतिका नक्षत्र व मेष राशि में चंद्रमा का संरक्षण होगा। इसमें गृहस्थ भगवान का जन्मोत्सव मनाएंगे।

बोले, बुधवार को संत-महात्मा जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे

ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि 12 अगस्त को कृतिका नक्षत्र के साथ चंद्रमा का संचरण वृष राशि में होगा। ऐसी स्थिति में बुधवार को संत-महात्मा जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। रोहिणी नक्षत्र के मतावलंबी 13 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे, लेकिन उक्त तारीख पर अष्टमी तिथि का योग नहीं मिलेगा।

यम-नियम से करें पूजन : आचार्य विद्याकांत

पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि जन्माष्टमी पर दक्षिणावर्ती शंख से दूध, दही, घी, शहद, सर्करा, पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें। षोडशोपचार पूजन के बाद माखन, मिश्री का भोग लगाएं।  भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में मोर पंख, बांसुरी, माखन, परिजात का फूल अर्पित करें। साथ ही ताजा पान के पत्ता में 'ओम वासुदेवाय नम:' लिखकर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें। इस दिन तुलसी पूजा का भी महत्व है। तुलसी, भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय हैं। तुलसी की पूजा करके देशी घी का दीपक जलाएं। साथ ही तुलसी की 11 बार परिक्रमा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

12 को है विशेष संयोग

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि, दिन बुधवार, रोहिणी नक्षत्र व वृष राशि में चंद्रमा में संचरण के समय हुआ था। इस बार 12 अगस्त बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ सूर्य व चंद्रमा अपनी उच्च राशि में संचरण करेेंगे। साथ ही उदया तिथि के अनुसार अष्टमी तिथि का योग भी मिलेगा। इसमें भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से श्रद्धालुओं की समस्त कामनाएं पूर्ण होंगी।

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