प्रयागराज के अमरूद के बहाने सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर कसा तंज तो नंदी ने दिया जवाब

अमरूद की बात आती है तो लोगों की जुबान पर आज भी इलाहाबादी अमरूद ही होता है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर तंज कसा है कि क्या इलाहाबादी अमरूद का नाम भी प्रयागराजी अमरूद हो गया है? नंदी ने लिखा यह संगमनगरी की अस्मिता पर आघात जैसा है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 10:00 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 10:00 PM (IST)
प्रयागराज के अमरूद के बहाने सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर कसा तंज तो नंदी ने दिया जवाब
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर तंज कसा है कि क्या इलाहाबादी अमरूद का नाम भी प्रयागराजी अमरूद हो गया है?

प्रयागराज, जेएनएन। अमरूद को लेकर भी इलाहाबाद की पहचान है। यहां के सुर्खा अमरूद के तो कहने ही क्या। योगी आदित्यनाथ सरकार ने अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया, लेकिन अमरूद की बात आती है तो लोगों की जुबान पर आज भी इलाहाबादी अमरूद ही होता है। इसी बात को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर तंज कसा है कि क्या इलाहाबादी अमरूद का नाम भी प्रयागराजी अमरूद हो गया है?

कैबिनेट मंत्री नंदी ने लिखा, यह मखौल संगमनगरी की अस्मिता पर आघात जैसा है

इसका जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्त नंदी ने ट्वीट किया है कि को कहि सके प्रयाग प्रभाऊ। प्रयागराज, संगमनगरी की पौराणिक पहचान है। लोकआस्था का प्रतिबिंब इस शब्द में रचा बचा है। खैर गुलामी के प्रतीकों पर गौरव करने वाले अखिलेश यादव को इस शब्द का महत्व कहां से पता होगा। यह मखौल संगमनगरी की अस्मिता पर आघात जैसा है। ईश्वर अखिलेश यादव को सद्बुद्धि दे। इस संबंध में प्रयागराज आगमन पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से टिप्पणी मांगी गई तो वह टाल गए। फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल ने इस ट्वीट के संदर्भ में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद को प्रयागराज बनाकर हमारी संस्कृति से जोडऩे का काम किया है। इसके लिए शुक्रिया। रही बात अमरूद की तो यह समझ की बात है कि स्थान के नाम से उसकी पहचान थी। निश्चित रूप से अब वह प्रयागराज का अमरूद कहा जाएगा।

अमरूद को बताया संगम फल

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट के जवाब में अनिल यादव ने ट्वीट किया है कि अमरूद तो अमरूद ही होता है...। नमाजवादियों ने इसे इलाहाबादी बना दिया था। ... हम प्रयागराज वाले इसे संगम फल कहते हैं। जबकि एक अन्य ट्वीट में बीपी यादव ने लिखा कि पिछले चार साल से निरंतर फीते काटने और नाम बदलने के अलावा कोई दूसरा भला काम नहीं हुआ।

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