प्रतापगढ़ में सेल्‍फी के चक्‍कर में इंस्पेक्टर का बेटा सई नदी में डूबा

अचानक पैर फिसलने से वैभव गहरे पानी में चला गया और नदी में डूब गया। साथ रहे तीनों युवकों ने शोर मचाया। देरशाम तक उसका कुछ पता नहीं चल सका।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 09:32 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 09:32 PM (IST)
प्रतापगढ़ में सेल्‍फी के चक्‍कर में इंस्पेक्टर का बेटा सई नदी में डूबा
प्रतापगढ़ में सेल्‍फी के चक्‍कर में इंस्पेक्टर का बेटा सई नदी में डूबा

प्रयागराज, जेएनएन। पडोसी जनपद प्रतापगढ़ में अंतू थाना क्षेत्र के मवइया घाट पर दोस्तों संग नहाने गया इंस्पेक्टर का बेटा सई नदी में डूब गया। नहाने के दौरान सेल्फी लेते पैर फिसलने से वह गहरे पानी में समा गया। पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों से नदी में उसे तलाश कराया, लेकिन देर शाम तक उसका पता नहीं चल सका था।

अंतू थाना क्षेत्र के बुकनापुर गांव निवासी रमेश चंद्र तिवारी पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर हैं। इस समय वह सीतापुर जिले में महमूदाबाद कोतवाली में तैनात हैं। उनका परिवार लखनऊ में रहता है। लॉकडाउन के दौरान इनका छोटा बेटा वैभव उर्फ रिशु (22) गांव आ गया था। वह मंगलवार दोपहर लगभग दो बजे परिवार के तीन युवकों के साथ मवैया घाट पर सई नदी में नहाने गया था। नहाने के दौरान वे मोबाइल से सेल्फी खींच रहे थे।

दोस्‍तों ने शोर मचाया तो आसपास के लोग भागकर पहुंचे

इसी दौरान अचानक पैर फिसलने से वैभव गहरे पानी में चला गया और नदी में डूब गया। साथ रहे तीनों युवकों ने शोर मचाया। शोर सुनकर आस-पास के पहुंचे और नदी में कूदकर वैभव को ढूंढने लगे, लेकिन सफलता नहीं मिली। सूचना मिलने पर चौकी इंचार्ज निकेत भारद्वाज व एसआइ संजय यादव मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से वैभव की तलाश कराने का प्रयास किया। चौकी इंचार्ज ने शाम को शहर के सदर बाजार से तीन गोताखोरों को बुलाया। गोताखोरों ने देर शाम तक काफी प्रयास किया, लेकिन वैभव नहीं मिल सका। वहीं सीतापुर से इंस्पेक्टर भी पहुंच गए थे।

दो भाइयों में छोटा था वैभव

वैभव दो भाइयों में छोटा था। इस साल इंटर पास करने के बाद वह एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। वैभव के नदी में डूबने की जानकारी होते ही उसके पिता रमेशचंद्र तिवारी, मां माधुरी और बड़ा भाई उछ्वव पैतृक घर के लिए सीतापुर से रवाना चल पड़े। गड़वारा चौकी इंचार्ज निकेत भारद्वाज ने बताया कि शहर से गोताखोरों को बुलाकर वैभव की तलाश कराई जा रही है। देर शाम तक पता नहीं चल सका था।

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