कभी प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट से लंदन के लिए जाती थी सीधी उड़ान

इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में सन् 1919 में बमरौली एयरपोर्ट का निर्माण हुआ। 1924 तक यहां एयरफील्ड को भी विस्तार दिया गया। उस समय देश में चार हवाई अड्डे ही ऐसे थे जहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आया-जाया करती थीं बमरौली का एयरपोर्ट भी इसमें से एक था।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 04:19 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 04:19 PM (IST)
कभी प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट से लंदन के लिए जाती थी सीधी उड़ान
यहां से 1932 तक लंदन के लिए सीधी उड़ान जाती थी जिसको स्पीडबर्ड एयर लाइन संचालित करती थी।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज एयरपोर्ट (बमरौली एयरपोर्ट) से भले ही वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं है और इस हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने और विदेशों के लिए भी उड़ान शुरू करने की मांग की जा रही है लेकिन एक समय था जब यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आती-जाती थीं। लंदन के लिए तो सीधी फ्लाइट थी।

देश के पहले चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एक था बमरौली

इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में सन् 1919 में बमरौली एयरपोर्ट का निर्माण हुआ। 1924 तक यहां एयरफील्ड को भी विस्तार दिया गया। उस समय देश में चार हवाई अड्डे ही ऐसे थे जहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आया-जाया करती थीं, बमरौली का एयरपोर्ट भी इसमें से एक था। यहां से 1932 तक लंदन के लिए सीधी उड़ान जाती थी जिसको स्पीडबर्ड एयर लाइन संचालित करती थी। 1946 तक यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जारी थीं।

यहां से 1911 में शुरू हुई थी घरेलू कामर्शियल उड़ान

देश में डोमेस्टिक कामर्शियल एविएशन की शुरूआत भी 1911 में प्रयागराज तबके इलाहाबाद से ही हुई थी जब 18 फरवरी 1911 को हेनरी पीक्यूट ने हम्बर बाईप्लेन उड़ाया था। उन्होंने पोलो ग्राउंड से उड़ान भरी थी। यह विमान इलाहाबाद से मेल लेकर छह मील दूर नैनी तक गया था।

1933 में शुरू हुई थी अंतरराष्ट्रीय मेल सर्विस

जुलाई 1933 में इंपीरियल एयरवेज ने कराची से कोलकाता के लिए मेल सर्विस शुरू की जो कराची-जोधपुर-दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद होकर कोलकाता तक चलती थी। यह उड़ान सेवा 1940 तक चली।

मैकराबर्टसन ट्राफी एयर रेस का भी हिस्सा रहा बमरौली एयरपोर्ट

बमरौली हवाई अड्डा मैकराबर्टसन ट्राफी एयर रेस का 1934 तक हिस्सा रहा। रेस के पांच अनिवार्य पड़ाव में से बमरौली एक था जहां रेस में शामिल फ्लाइट को स्टापेज दिया जाता था। यह रेस आस्टे्रलिया के मेलबोर्न शहर की सौंवीं सालगिरह पर आयोजित थी।

अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है बमरौली हवाई अड्डा

1919 में निर्मित बमरौली हवाई अड्डा अब प्रयागराज एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में यहां से देश के कई शहरों के लिए उड़ान हैं। भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के स्थानीय जनसंपर्क अधिकारी अजय कार्तिक श्याम बताते हैं कि यहां से अभी घरेलू उड़ान ही हैं। शुरू में एयर फोर्स के एकाधिकार में था लेकिन अब एयरफोर्स और एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया की देखरेख में संचालित होता है। रनवे व एयर टै्रफिक कंट्रोल एयर फोर्स के हवाले है जबकि टर्मिनल और एप्रन की जिम्मेदारी एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के पास है।

1941 ये 2003 तक नियमित कामर्शियल फ्लाइट नहीं चली

बमरौली हवाई अड्डे से 1941 से लेकर 2003 तक नियमित कामर्शियल फ्लाइट नहीं चली। 2003 में एयर सहारा ने दिल्ली व कोलकाता के लिए कनेक्टिीविटी सेवा शुरू की जो 2005 में बंद हो गई। 2013 में एलायंस एयर ने दिल्ली और मुंबई की फ्लाइट शुरू की लेकिन कुछ माह में ही बंद हो गई।

2018 में आधारभूत सुविधाओं में किया गया इजाफा

अजय कार्तिक के मुताबिक फ्लाइट के नियमित संचालन के लिए 2018 में आपरेशनल व स्ट्रक्चरल सुविधाओं में वृद्धि की गई जिसमें इंस्ट्रूमेंट लैडिंग सिस्टम की सुविधा के अलावा अन्य ढांचागत सुविधाएं बढ़ीं। 2019 में नये टर्मिनल की सुविधा भी मुहैया हो गई तब से देश के विभिन्न शहरों के लिए यहां से फ्लाइट शुरू हुई। वर्तमान में बंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, देहरादून, दिल्ली, रायपुर, गोरखपुर, मुंबई, पुणे, पटना, अहमदाबाद के लिए फ्लाइट हैं।

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