Smart City Prayagraj: इस महीने हजार करोड़ रुपये तक के टेंडर पूरे नहीं होने पर कटेगी रकम
जब शहरों का चयन स्मार्ट सिटी के लिए हुआ तो केंद्र सरकार द्वारा सभी के लिए एक-एक हजार करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए गए। संगमनगरी का स्मार्ट सिटी में चयन 23 जून 2017 को हुआ था। इस शहर के लिए भी एक हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्रोजेक्टों के समय से पूरा न होने और टेंडर प्रक्रिया लटकाए रखने पर मंडलायुक्त शनिवार की बैठक में नाराजगी जता चुके हैं। इस महीने तक हजार करोड़ रुपये तक के टेंडर पूरे न हो पाने पर 'सरकारÓ स्तर से रकम काटे जाने का डर हो गया है। स्मार्ट सिटी के अधिकारी काम में अगर तेजी नहीं लाएंगे तो करीब दो-ढाई सौ करोड़ रुपये फंस भी सकते हैं।
50 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट जल्द शुरू होने की उम्मीद
जब शहरों का चयन स्मार्ट सिटी के लिए हुआ तो केंद्र सरकार द्वारा सभी के लिए एक-एक हजार करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए गए। संगमनगरी का स्मार्ट सिटी में चयन 23 जून 2017 को हुआ था। इस शहर के लिए भी एक हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी। करीब चार साल बीत गए लेकिन, अब तक सिर्फ लगभग साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये की लागत के प्रोजेक्ट शुरू अथवा टेंडर स्वीकृति किए जा सके हैं। इसमें इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, स्मार्ट रोड फेज वन और टू, स्मार्ट क्लासेज फेस वन और टू, नाइट मार्केट, सेल्फी प्वाइंट, ओपन एयर जिम, 60 स्कूलों में मल्टी एक्टिविटी प्ले, वाटर स्काडा आदि शामिल है। लगभग 50 करोड़ रुपये के प्रोजेक्टों के लिए इस महीने तक निविदा (टेंडर) प्रक्रिया पूरी होनी जरूरी है। ऐसा न होने पर करीब दो-ढाई सौ करोड़ रुपये फंसने की संभावना जताई जा रही है। अफसरों का कहना है कि सरकार द्वारा तकरीबन साढ़े सात सौ करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। लाइट एंड साउंड सिस्टम, राजकीय लाइब्रेरी के आधुनिकीकरण से संबंधित टेंडर इस महीने फाइनल होने की उम्मीद है। नगर निगम के अधिशासी अभियंता आशीष त्रिवेदी ने इससे अनभिज्ञता जताई।