साहब, एनओसी के चक्कर में छह महीने से अटके मानचित्र, कैसे बने आशियाना

लंबित आनलाइन मानचित्रों के त्वरित निस्तारण के लिए शासन के निर्देश पर लगाए कैंप में लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 01:05 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 01:05 AM (IST)
साहब, एनओसी के चक्कर में छह महीने से अटके मानचित्र, कैसे बने आशियाना
साहब, एनओसी के चक्कर में छह महीने से अटके मानचित्र, कैसे बने आशियाना

जागरण संवाददाता,प्रयागराज: लंबित आनलाइन मानचित्रों के त्वरित निस्तारण के लिए शासन के निर्देश पर बुधवार को तीन दिवसीय विशेष कैंप प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के सभागार में शुरू हुआ। पहले दिन कैंप में करीब पांच-छह महीने पहले आवेदन करने वाले लोगों के मानचित्र भी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के चक्कर में फंसे होने के मामले आए।लोगों का कहना था कि साहब, एनओसी के लिए नगर निगम और संबंधित विभागों के चक्कर लगाने के बावजूद कोई न कोई कमी निकाल दी जाती है। ऐसे में उनके सपनों का आशियाना कैसे बन सकेगा।

कैंप सुबह 10 बजे शुरू हुआ। पहले दिन कैंप में ज्यादातर आर्किटेक्ट अपने ग्राहकों की समस्या लेकर पहुंचे।कुछ सामान्य लोग भी अफसरों को परेशानी बताने के लिए आए। शाम पांच बजे तक चले कैंप में लगभग 20-22 लोगों ने अपनी दिक्कतों से अफसरों को अवगत कराया। अधिकांश मामले एनओसी जारी न होने के कारण अटके हुए बताए गए। निगम के अधिकारियों ने इसकी वजह लोगों को सूचना देने के बावजूद मौके का निरीक्षण न कराने को बताया। कैंप में पहुंचे आर्किटेक्ट अशरफ ने बताया कि उन्होंने नैनी के अहदउल्ला के आवासीय प्लाट के नक्शा के लिए करीब दो-तीन महीने पहले आवेदन किया था। लेकिन, नक्शा पास नहीं हुआ। बताया कि निगम से एनओसी जल्दी नहीं मिल पाती है, जिससे विलंब होता है। प्राधिकरण को अपने स्तर से कार्रवाई करना चाहिए।प्राधिकरण की जमीन पर नक्शा जल्द पास हो जाता है, क्योंकि

उसमें एनओसी का झंझट नहीं रहता है। उनके मुताबिक चार-पांच महीने से नक्शे लंबित हैं। आर्किटेक्ट यतिन सिंह ने बताया कि निगम और तहसील स्तर से एनओसी जारी न होने से छह महीने पहले आवेदन करने के बावजूद नक्शा पास नहीं हो पाता। कैंप में 17 मामले निस्तारित होने के दावे किए गए। कुल 22 मानचित्र लंबित बताए गए। कैंप में उपाध्यक्ष अरविद चौहान, सचिव दयानंद प्रसाद, प्रभारी सचिव रोहित खन्ना, मुख्य अभियंता मनोज कुमार मिश्रा, नगर निगम के अधिकारी, आर्किटेक्ट मनीष गुजराल, विशाल खरे, मो. अशरफ, इंजीनियर जेएल त्रिपाठी, इंजीनियर मिथलेश कुमार आदि मौजूद थे।

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बैंक में जमा किया पैसा, प्राधिकरण को मिला न वापस हुआ

लूकरगंज के विशाल बलेचा ने आनलाइन नक्शा पास कराने के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया की लूकरगंज शाखा में करीब महीने भर पहले लगभग 2.10 लाख रुपये जमा किए। वह धनराशि न प्राधिकरण के कोष में जमा हुई न ही आवेदक को वापस हुआ।विशाल ने कैंप में अफसरों को इस बारे में अवगत कराया। सचिव ने गड़बड़ी कहां से हुई, इसके बारे में बैंक को पत्र भेजने के निर्देश दिए, जिससे कार्रवाई आगे सुनिश्चित की जा सके। भूमि अर्जन विभाग में फंसी रही एनओसी

नैनी की मनोरमा शुक्ला ने करीब डेढ़ महीने पहले मानचित्र के लिए आवेदन किया था। लेकिन, उनका नक्शा पास नहीं हो सका था। कैंप में उन्होंने अधिकारियों को इस बारे में बताया। पता कराया गया तो भूमि अर्जन विभाग में एनओसी फंसी होने की बात सामने आइ।मंगलवार को एनओसी जारी करने के निर्देश अधिकारियों ने दिए। त्वरित कार्रवाई भी

नैनी के एजाज अंसारी ने कैंप में ही नक्शा के लिए आवेदन किया। मौके पर ही डिमांड जारी कर दिया गया। मंगलवार को नक्शा स्वीकृत हो जाने की उम्मीद है।

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