षोडशी पूजन और पट्टाभिषेक के बाद टूटेगा मठ का सन्नाट, महंत नरेंद्र गिरि की मौत से छाई है उदासी

महंत नरेंद्र गिरि के रहते श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी कभी सूनी नहीं रही। इस गद्दी से लगाव कुछ ऐसा रहा कि संगम नगरी आने वाले अधिकांश शीर्ष नेता फिल्म निर्माता यहां की माटी से उठती सोंधी महक के दीवाने अप्रवासी भारतीय संत महात्मा मठ जाते रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 08:01 AM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 08:33 AM (IST)
षोडशी पूजन और पट्टाभिषेक के बाद टूटेगा मठ का सन्नाट, महंत नरेंद्र गिरि की मौत से छाई है उदासी
महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद से श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी परिसर में उदासी छाई है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के अल्‍लापुर (भारद्वाजपुरम) स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में अखाड़ा परिषद अध्‍यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्‍ध मौत के बाद 22 सितंबर से सन्नाटा पसरा है। हालांकि अब यह मठ पांच तारीख का इंतजार कर रहा है। क्योंकि ब्रम्हलीन महंत नरेंद्र गिरि के पद पर उनके उत्तराधिकारी महंत बलवीर गिरि का पांच अक्टूबर को षोडशी-पट्टाभिषेक होना है। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं और मठ की महंतई संभालने को बलवीर गिरि ने भी कमर कस ली है। यह बात दीगर है कि महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले में सीबीआइ जांच जब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती, बाघम्बरी गद्दी का माहौल पहले जैसा हो पाना मुश्किल होगा।

13 अखाड़े के संत महंत की धुरी रहे नरेंद्र गिरि

महंत नरेंद्र गिरि के रहते श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी कभी सूनी नहीं रही। इस गद्दी से लगाव कुछ ऐसा रहा कि संगम नगरी आने वाले अधिकांश शीर्ष नेता, फिल्म निर्माता, यहां की माटी से उठती सोंधी महक के दीवाने एनआरआइ (अप्रवासी भारतीय) और संत महात्मा किसी न किसी अवसर पर मठ जाते रहे हैं। वहीं सभी 13 अखाड़े के संत महंत की धुरी रहे महंत नरेंद्र गिरि ने मठ का माहौल कुछ ऐसा कर रखा था, जिससे यह स्थल कभी सूना नहीं रहा।

श्रीमठ में सीबीआइ की चहलकदमी

अब महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु और समाधि के बाद से मठ संत चरण की बजाए सीबीआइ के हवाले है। यही वजह है कि सीबीआइ टीम की चहल कदमी के बावजूद एक अजीब सा यहां सन्नाटा है। श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के विभिन्न कमरों में साधु-संतों, यहां तक कि महंत बलवीर गिरि का प्रवास भी है लेकिन परिसर में जगह-जगह पुलिस द्वारा लगाई गई बैरीकेडिंग और कुछ विशेष स्थलों पर जाने की सख्त पाबंदी के चलते कोई बाहर नहीं निकल रहा।

पांच अक्‍टूबर को श्रद्धांजलि सभा और फिर पट्टाभिषेक

श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में पांच अक्टूबर को महंत बलवीर गिरि के पट्टाभिषेक से पहले श्रद्धांजलि सभा होगी। श्रीमहंत नरेंद्र गिरि को मन मस्तिष्क में लाते हुए अखाड़ों के संत, महंत, बलवीर गिरि का मंत्रोच्चार के बीच षोडशी पूजन करेंगे। इसके बाद ही मठ में गतिविधियां सामान्य होने के आसार हैं। आसार यह भी हैं कि महंत बलवीर गिरि मठ और बांध स्थित लेटे हनुमान जी मंदिर का संचालन पटरी पर लाने के लिए कुछ बदलाव कर सकते हैं लेकिन षोडशी पूजन के ठीक बाद वे लेटे हनुमान जी की महाआरती करने जा सकते हैं।

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