PWD Prayagraj में ​​​​​भर्ती में गोलमाल करने पर जांच के बाद सात मेट की नौकरी कर दी गई खत्म

विनियमितीकरण नियमावली का लाभ उन दैनिक वेतनभोगी संविदा कर्मियों मिलना था जो विभाग में 2001 से पहले से कार्यरत थे। मेट बनाए गए आपरेटर आउटसोर्सिंग वाले थे इसलिए मुख्य अभियंता मुख्यालय-2 वीके जैन ने अधीक्षण अभियंताओं से स्पष्टीकरण तलब किया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 26 Jun 2021 05:37 PM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 05:37 PM (IST)
PWD Prayagraj में ​​​​​भर्ती में गोलमाल करने पर जांच के बाद सात मेट की नौकरी कर दी गई खत्म
मई में सात आउटसोर्सिंग कंप्यूटर आपरेटर किए गए थे स्थायी, नियुक्ति का आदेश रद

प्रयागराज, प्रमोद यादव। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में आउटसोर्सिंग (ठेके) पर काम करने वाले सात कंप्यूटर आपरेटरों को 11 मई 2021 को नियम विरुद्ध मेट बनाया गया था। अब उनकी नियुक्ति रद कर दी गई है। कंप्यूटर आपरेटरों को मेट के रूप में प्रयागराज, कौशांबी और मेरठ में तैनात किया गया था। दैनिक जागरण में 10 जून को खबर छपने के बाद विभाग ने कार्रवाई की है। हालांकि गड़बड़ी करने वालों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।

जागरण में खबर प्रकाशित होने पर जांच की गई थी

लोनिवि में सालों से कार्यरत यह आउटसोर्स कंप्यूटर आपरेटर विनियमितीकरण की मांग कर रहे थे। विनियमितीकरण नियमावली 2016 के तहत नियुक्ति की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने मामले के निस्तारण के निर्देश दिया तो 11 मई 2021 को अधीक्षण अभियंता एके द्विवेदी ने कंप्यूटर आपरेटर संजय श्रीवास्तव, शैलेंद्र श्रीवास्तव, शबीहुल हसन और सैयद अब्बास को मेट बना दिया। मेरठ में भी तीन कंप्यूटर आपरेटर मेट बना दिए गए। वैसे विनियमितीकरण नियमावली का लाभ उन दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मियों मिलना था, जो विभाग में 2001 से पहले से कार्यरत थे। मेट बनाए गए आपरेटर आउटसोर्सिंग वाले थे, इसलिए मुख्य अभियंता मुख्यालय-2 वीके जैन ने अधीक्षण अभियंताओं से स्पष्टीकरण तलब किया। जागरण में इसकी खबर प्रकाशित होने पर जांच की गई। पता चला कि इस मामले को 12 जुलाई 2017 को तत्कालीन अधीक्षण अभियंता विनय प्रकाश ने निस्तारित करते हुए लिखा था कि आउटसोर्सिंग आपरेटरों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। यह तथ्य छुपाकर संबंधितों ने अधीक्षण अभियंता एके द्विवेदी के सामने फाइल पेश की। यह बात सामने आने बाद अधीक्षण अभियंता ने इनकी नियुक्ति रद कर दी है।

जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई बाकी

नियुक्ति दिलाने के लिए विभाग के जिस बड़े बाबू ने फाइल अधीक्षण अभियंता के सामने पेश की। वह इसी महीने रिटायर होने वाले हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। सातों आपरेटरों की सरकारी नौकरी गई लेकिन आउटसोर्सिंग पर अभी वह विभाग में कार्यरत हैं। मुख्य अभियंता मुख्यालय -2 ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ मुख्य अभियंता प्रयागराज को कार्रवाई करनी है।

'तथ्य छिपाकर मेरे सामने नियुक्ति की फाइल पेश की गई थी। उसे देखते हुए नियमानुसार नियुक्ति दी गई थी। बाद में सारी जानकारी होने पर नियुक्ति रद कर दी गई है।

- अशोक कुमार द्विवेदी, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग

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