आउटसोर्सिंग वाले सात कंप्यूटर आपरेटर बन गए सरकारी मेट, प्रयागराज के PWD में की गई यह गड़बड़ी

मई 2021 में अधीक्षण अभियंता एके द्विवेदी ने कंप्यूटर आपरेटर संजय श्रीवास्तव शैलेंद्र श्रीवास्तव पुत्रगण गोविंद शरण श्रीवास्तव शबीहुल हसन पुत्र शरीफुल हसन और हैदर अब्बास नकवी पुत्र हुसैन अब्बास नकवी को मेट बना दिया। इनमें दो प्रयागराज और दो कौशांबी में तैनात हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 12:34 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 12:34 PM (IST)
आउटसोर्सिंग वाले सात कंप्यूटर आपरेटर बन गए सरकारी मेट, प्रयागराज के PWD में की गई यह गड़बड़ी
पीडब्ल्यूडी के कर्मियों ने विरोध किया तो खुला मामला, मुख्य अभियंता ने नियुक्ति अधिकारी से किया जवाब तलब

प्रयागराज, जेएनएन। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में आउटसोर्सिंग (ठेके) पर काम करने वाले सात कंप्यूटर आपरेटरों को मेट बना दिया गया है। यह खेल पिछले महीने हुआ। मेट बनाए गए कंप्यूटर आपरेटरों को प्रयागराज, कौशांबी और मेरठ में तैनाती मिली है। शिकायत पर मुख्य अभियंता ने नियुक्ति अधिकारी से जवाब तलब किया है।

पीडब्ल्यूडी के कर्मियों ने विरोध किया तो खुला मामला

लोनिवि में सालों से कई काम आउटसोर्स (ठेका) व संविदा कर्मियों से कराए जा रहे हैं। सालों पहले आउटसोर्सिंग वाले कंप्यूटर आपरेटर विनियमितीकरण की मांग करने लगे। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने 14 फरवरी 2017 को मामले के निस्तारण का निर्देश दिया। तत्कालीन अधीक्षण अभियंता विनय प्रकाश ने 12 जुलाई 2017 को रिपोर्ट लगाई कि कंप्यूटर आपरेटर ठेके पर हैं, यह न तो दैनिक वेतनभोगी हैं और न ही संविदा पर। इसलिए इनको विनियमितिकरण नियमावली 2016 का लाभ नहीं मिलेगा। इस नियमावली का लाभ उन्हीं को मिलेगा जो 2001 से पहले विभाग में दैनिक वेतनभोगी हैं। आरोप है कि उनके तबादले के बाद कंप्यूटर आपरेटर इस रिपोर्ट को छुपाते हुए हाई कोर्ट गए और बताया कि उनकी समस्या हल नहीं हुई। इस पर हाई कोर्ट ने फिर निर्देश दिया। मई 2021 में अधीक्षण अभियंता एके द्विवेदी ने कंप्यूटर आपरेटर संजय श्रीवास्तव, शैलेंद्र श्रीवास्तव पुत्रगण गोविंद शरण श्रीवास्तव, शबीहुल हसन पुत्र शरीफुल हसन और हैदर अब्बास नकवी पुत्र हुसैन अब्बास नकवी को मेट बना दिया। इनमें दो प्रयागराज और दो कौशांबी में तैनात हैं। मेरठ में भी तीन आपरेटरों को मेट बना दिया गया। याचिका दायर करने वाले संजय जैन, रमेश प्रताप सिंह और शब्बर इमाम नकवी नियमित नहीं हुए तो मुख्य अभियंता वीके जैन से शिकायत की। चार जून 2021 को मुख्य अभियंता ने अधीक्षण अभियंता से जवाब तलब किया। पूछा है कि इनकी मांग खारिज की जा चुकी है तो अब कैसे नियुक्ति दी गई। उन्होंने सप्ताह भर में विस्तृत आख्या मांगी है।

अधीक्षण अभियंता का यह है कहना

'हाई कोर्ट के निर्णय और शासन द्वारा दिए निर्देश के क्रम में यह नियुक्ति की गई है। जिनको मेट बनाया गया है, वह 2001 से पहले से काम कर रहे थे, जो तीन लोग शिकायत कर रहे हैं, वह 2001 के बाद के हैं, इसलिए उनको योजना का लाभ नहीं मिला है।

अशोक कुमार द्विवेदी, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग, प्रयागराज

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