Allahabad University के हॉस्टल में कपड़ा फाड़ होली के बाद कानून के छात्र से की सीनियर्स ने रैगिंग

चीफ प्राक्टर ने बताया कि एलएलबी द्वितीय वर्ष के छात्र ने बताया कि बुधवार दोपहर में कपड़ा फाड़ होली के बाद सीनियर छात्र ने जूनियर साथियों के सामने रैगिंग की। उसने बताया कि उसका सार्वजनिक तौर पर शोषण किया गया है। शिकायत एंटी रैगिंग पोर्टल पर भी की गई है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 11:10 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 11:10 PM (IST)
Allahabad University के हॉस्टल में कपड़ा फाड़ होली के बाद कानून के छात्र से की सीनियर्स ने रैगिंग
अब सवाल यह उठ रहा है कि हॉस्टल में रैगिंग कैसे हुई क्योंकि आधिकारिक तौर पर सभी हॉस्टल बंद हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के एक हॉस्टल में रहने वाले विधि छात्र से सीनियर छात्रों ने रैगिंग की है। यह वाकया होली के हुड़दंग के बाद हुआ। पीडि़त ने मामले की लिखित शिकायत भी की है।

चीफ प्रॉक्टर से की है लिखित शिकायत

इविवि के चीफ प्राक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार ने रैगिंग का शिकायती पत्र मिलने की पुष्टि भी की है। 

चीफ प्राक्टर ने बताया कि एलएलबी द्वितीय वर्ष के छात्र ने बताया कि बुधवार दोपहर में कपड़ा फाड़ होली के बाद सीनियर छात्र ने जूनियर साथियों के सामने रैगिंग की। उसने बताया कि उसका सार्वजनिक तौर पर शोषण किया गया है। मामले की शिकायत एंटी रैगिंग पोर्टल पर भी कर दी गई है। चीफ प्राक्टर ने बताया कि छात्र ने शिकायती पत्र में इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि वह किस हॉस्टल का रहने वाला है। ऐसे में आरोपित की भी शिनाख्त नहीं हो पा रही है। इस वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि बुधवार को सर पीसी बनर्जी, सर जीएन झा और डॉ. ताराचंद हॉस्टल में होली खेली गई थी। ऐसे में इन्हीं तीनों हॉस्टलों में रैगिंग होने की संभावना जताई जा रही है। अब सवाल यह उठ रहा है कि हॉस्टल में रैगिंग कैसे हुई। क्योंकि, आधिकारिक तौर पर सभी हॉस्टल बंद हैं। 

पिछले साल एसएसएल से हुई थी शुरुआत

पिछले साल भी सर सुंदर लाल छात्रावास से लंबे अरसे बाद बोतल से रैगिंग का जिन्न निकला था। इसके बाद शताब्दी हॉस्टल में भी आधी रात रैगिंग हुई।  हॉस्टल में देर रात नवप्रवेशी छात्रों को सीनियर बुलाकर उनसे पहले परिचय पूछते हैं। इसके बाद उनसे खुद को गाली देने को कहते हैं। साथ ही उन्हेंं मुर्गा भी बनवाते हैं। शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी जाती है। इस मामले में तत्कालीन चीफ प्राक्टर प्रो. रामसेवक दुबे ने एसएसएल के सात और शताब्दी के 10 छात्रों को निलंबित करते हुए तत्काल प्रभाव से हॉस्टल से बाहर कर दिया था। 

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