UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: हाई कोर्ट से सरकार ने कहा- कम मेरिट वालों के चयन पर NIC से मांगा है जवाब

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में 31661 पदों पर भर्ती के मामले में प्रदेश सरकार ने स्वीकार किया है कि चयन में गलतियां हुई हैं। इसमें कुछ कम मेरिट के लोगों को नियुक्ति मिल गई है जबकि अधिक मेरिट वालों को नहीं मिल सकी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 09:54 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 10:36 AM (IST)
UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: हाई कोर्ट से सरकार ने कहा- कम मेरिट वालों के चयन पर NIC से मांगा है जवाब
69000 अध्यापक भर्ती में 31,661 पदों पर भर्ती में सरकार ने स्वीकार किया है कि चयन में गलतियां हुई हैं।

प्रयागराज, जेएनएन।UP 69000 Sarkari Shikshak Bharti: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में 31,661 पदों पर भर्ती के मामले में एनआइसी से जवाब मांगा जा रहा है कि आखिर कम मेरिट के अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिलने का आरोप क्यों लग रहा है? इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले में चल रही सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट को बताया कि एनआइसी ने ही 67867 अनंतिम सूची से शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर 31661 पदों के सापेक्ष नई सूची जारी की है। 

संजय कुमार यादव व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने महाधिवक्ता से पूछा कि शिक्षक भर्ती में अधिक मेरिट वालों की अनदेखी करके कम मेरिट वालों का चयन किया गया है? इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओएमआर शीट के मूल्यांकन से लेकर अनंतिम चयन सूची तक मैनुअल नहीं बनी है। शीर्ष कोर्ट के आदेश पर 31661 पदों पर चयन करने में भी एनआइसी ने साफ्टवेयर के जरिये अनंतिम सूची तैयार की है। इसमें 67867 की सूची से ही अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जब जून माह में 67 हजार अभ्यर्थियों की सूची जारी हुई थी, तब कोई विवाद नहीं था। उसी से यह रिजल्ट बना है तो इसमें कम मेरिट पर चयन कैसे हुआ, इस पर एनआइसी से जवाब मांग रहे हैं।

महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि यदि कोई गड़बड़ी मिलती है तो कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि एनआइसी से रिपोर्ट आने में दो हफ्ते का समय लगेगा। याची पक्ष से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अनिल सिंह बिसेन आदि का कहना था कि नियुक्ति पत्र देने के लिए जारी की गई सूची में बहुत से ऐसे मामले हैं जिनमें कम गुणांक वालों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया है, जबकि अधिक गुणांक पाने वाले चयन से बाहर हैं। इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार से इस विसंगति के बारे में जवाब मांगा था। उक्त मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हुई है। इन पदों के सापेक्ष जून माह में 67867 अभ्यर्थियों की अनंतिम सूची जारी हुई थी, लेकिन काउंसिलिंग के पहले दिन ही हाई कोर्ट ने चयन पर रोक लगा दी थी। प्रदेश सरकार ने शीर्ष कोर्ट के 21 मई के आदेश पर 31661 पदों पर शिक्षक चयन को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। शासन ने आदेश दिया कि चयनितों की नई सूची जून माह में जारी अनंतिम सूची से ही बनाई जाए। बेसिक शिक्षा परिषद ने 31277 पदों पर अभ्यर्थियों का अनंतिम रूप से चयन करके सभी जिलों में भेजा। दो दिन काउंसिलिंग के बाद शुक्रवार को सभी चयनितों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया।

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