नारद मोह का मंचन देखकर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

कई दशक से मंचित की जा रही क्षेत्र के बिगहिया की रामलीला का मंचन मुकुट पूजन के साथ प्रारंभ हुआ। मंचन से पूर्व राम लीला स्थल पर उपस्थित दर्शकों को मास्क वितरित किया गया तथा हाथ को सैनिटाइज कराया गया। रामलीला मंचन में नारद मोह के प्रसंग को स्थानीय कलाकारों ने बड़े ही भावपूर्ण ढंग से पेश की जिसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए और तालियां बजाने लगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:05 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 12:05 AM (IST)
नारद मोह का मंचन देखकर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
नारद मोह का मंचन देखकर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

सहसों : कई दशक से मंचित की जा रही क्षेत्र के बिगहिया की रामलीला का मंचन मुकुट पूजन के साथ प्रारंभ हुआ। मंचन से पूर्व राम लीला स्थल पर उपस्थित दर्शकों को मास्क वितरित किया गया तथा हाथ को सैनिटाइज कराया गया। रामलीला मंचन में नारद मोह के प्रसंग को स्थानीय कलाकारों ने बड़े ही भावपूर्ण ढंग से पेश की, जिसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए और तालियां बजाने लगे। देवर्षि नारद को अभिमान हो गया था जिसको तोड़ने के लिए भगवान विष्णु ने अनोखी लीला रची और नारद को बंदर का स्वरूप दे दिया। जिसे देखकर नारद क्रोधित हो गए और भगवान विष्णु को श्राप दे दिया कि एक दिन इसी मुखौटे से आपको मदद लेनी होगी। जिसके तहत भगवान विष्णु को भगवान राम के रूप में पृथ्वी पर अवतार लेना पड़ा तथा राक्षस रावण से देवताओं तथा ऋषि-मुनियों की रक्षा की। दूसरे प्रसंग में सभी देवता पृथ्वी पर बढ़ रहे अत्याचार एवं पाप से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं। इस पर भगवान विष्णु देवी देवताओं को मुक्ति के लिए पृथ्वी पर अवतरित होकर रक्षा का वचन देते हैं। इसके उपरांत भगवान राम के रूप में पृथ्वी पर अवतरित होकर सभी की रक्षा की। रामलीला मंचन में भगवान शिव की भूमिका में शिवम, मां पार्वती की भूमिका में लकी, नारद की भूमिका में लक्ष्मीकांत ,भगवान विष्णु की भूमिका में धनंजय मिश्र रहे। इस मौके पर हरिशंकर मिश्र, कौशल कुमार परमानंद, रामसागर, राजरतन, वंशीधर, दिनेश कुमार, रंजीत प्रसाद, वीरबहादुर, राकेश कुमार, गंगेश प्रसाद, लक्ष्मीकांत, वीरेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।

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