एसडीएम ने जांच के लिए गठित की चार सदस्यीय टीम

जासं प्रयागराज एक दशक पहले राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करके उस्तापुर महमूदाबाद के किसान की जमीन हड़पने के मामले में एसडीएम ने जांच बैठा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 08:56 PM (IST) Updated:Sat, 13 Mar 2021 08:56 PM (IST)
एसडीएम ने जांच के लिए गठित की चार सदस्यीय टीम
एसडीएम ने जांच के लिए गठित की चार सदस्यीय टीम

जासं, प्रयागराज : एक दशक पहले राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करके उस्तापुर महमूदाबाद के किसान की जमीन हड़पने के मामले में एसडीएम ने जाच बैठा दी है। फूलपुर तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित टीम ने जांच शुरू कर दी है। एसडीएम ने सप्ताह भर में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

शहर से लगे झूंसी क्षेत्र के उस्ताप़ुर महमूदाबाद गांव में नीबीकला निवासी शारदा प्रसाद पुत्र बरमदीन की साढ़े छह बीघा जमीन है। करोड़ों की कीमत वाली इस जमीन को 2011 में फर्जी तरीके से भदकार गांव के बसंत लाल ने अपने नाम करवा लिया था। शारदा इसके खिलाफ लगातार अफसरों से शिकायत करते रहे तो कुछ साल पहले चार बीघा जमीन तो उसके नाम हो गई। लेकिन ढाई बीघा अब भी बसंत लाल के नाम ही है। इस जमीन को छुड़वाने के लिए अफसर और कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाकर थक चुके शारदा ने वकालत की पढ़ाई शुरू कर दी। पिछले दिनों इस मामले को जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया तो एसडीएम फूलपुर युवराज सिंह ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने मामले की जांच कर पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी तहसीलदार फूलपुर की अध्यक्षता में गठित की। इस टीम ने राजस्व निरीक्षक राहुल गौरव, राजस्व निरीक्षक सूरज पटेल और लेखपाल विकास ओझा हैं। एसडीएम ने टीम को सप्ताह भर में रिपोर्ट सौंपने को निर्देश दिया है।

विकास ओझा के नाम पर पीड़ित ने की आपत्ति

जांच कमेटी में लेखपाल विकास ओझा के होने पर पीड़ित शारदा प्रसाद ने आपत्ति की। उन्होंने एसडीएम से मिलकर बताया कि जिन लेखपालों ने रिकार्ड में हेराफेरी करके उनके खेत दूसरे के नाम कर दिए हैं। वह अभी भी फूलपुर तहसील में तैनात हैं। विकास ओझा भी उन्हीं लेखपालों के साथ हैं। इसलिए जांच टीम में इनके रहते हुए निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। शारदा से पूछताछ के समय भी गड़बड़ी करने वाले लेखपाल विकास ओझा के साथ आए थे। एसडीएम ने उन्हें भरोसा दिया कि न्याय होगा।

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