मूर्तिकारों को भी गाइडलाइन का इंतजार

कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति का शारदीय नवरात्र की तैयारियों पर भी ग्रहण लग गया है। मूर्तिकारों ने अभी मूर्तियां बनानी शुरू नहीं की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 08:50 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 08:50 PM (IST)
मूर्तिकारों को भी गाइडलाइन का इंतजार
मूर्तिकारों को भी गाइडलाइन का इंतजार

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति का शारदीय नवरात्र की तैयारियों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। हर वर्ष दुर्गा पूजा के दो माह पहले से मूर्तिया बनाने का काम शुरू हो जाता था। दूसरे प्रदेशों से कलाकार आकर यहां डेरा जमा लेते थे। इस बार मूर्तिकारों को भी गाइडलाइन का इंतजार है। अभी कोई आर्डर देता भी है तो वे उसे स्वीकार नहीं कर रहे।

मूलत: बंगाल के कृष्णानगर नादिया जिला निवासी तपस के पिता 53 साल पहले मूर्तिया बनाने के लिए प्रयागराज आए थे और यहीं बस गए। तपस बताते हैं कि हर साल मई-जून से आर्डर का सिलसिला शुरू हो जाता था। छोटी-बड़ी मिलाकर दो सौ मूर्तियां बनती थीं। आर्डर के हिसाब से बंगाल से दूसरे कारीगरों को बुलाया जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। दुर्गा पूजा को लेकर मूर्तिकारों में असमंजस की स्थिति है। सरकार जैसा आदेश देगी, वैसा किया जाएगा।

एक माह में बनती है बड़ी मूर्ति : तपस बताते है कि आठ से 12 फिट की मूर्ति बनाने व श्रृंगार में दो कारीगरों को एक माह लगता है। बंगाल के कारीगरों के फोन आ रहे हैं लेकिन उनकों नहीं बुला पा रहे हैं। पिछले साल 80 बड़ी मूर्ति का आर्डर मिला था।

मूर्ति निमार्ण में यह है खास : दो कारीगर आठ से 12 फिट की मूर्ति एक माह में तैयार करते हैं। पिछले साल तक तीन से 12 फिट तक की मूर्ति बनाने का मिलता था आर्डर। घरों के लिए भी बनाते थे। छह फिट की मूर्ति बनाने में दो कारीगर को चाहिए 10 दिन।

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