लाइसेंस शुल्क न जमा करने वाले ई-रिक्शा चालकों पर कसा शिकंजा Prayagraj News
अब शासन का निगम पर टैक्स बढ़ाने का दबाव पड़ा तो ई-रिक्शा चालकों पर शिकंजा कस दिया गया। लेकिन जिन चालकों ने लाइसेंस शुल्क नहीं जमा किए हैं उनके ई-रिक्शे लाइसेंस इंस्पेक्टरों द्वारा पकड़कर निगम परिसर में खड़ाए कराए जा रहे हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। लाइसेंस शुल्क न जमा करने वाले ई-रिक्शा चालकों पर नगर निगम प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। निगम के लाइसेंस विभाग ने अभियान चलाकर तीन-चार दिन में दर्जनों ई-रिक्शों को पकड़कर निगम परिसर में लाकर खड़ा कर दिया है। लाइसेंस शुल्क जमा करने पर ही र्ई-रिक्शे छोड़े जाएंगे।
हर साल नगर निगम में जमा करना होता है लाइसेंस शुल्क, 571 रुपये है लाइसेंस शुल्क की फीस
ई-रिक्शा चालकों को हर साल निगम के लाइसेंस विभाग में लाइसेंस शुल्क जमा करना होता है। इस साल लाइसेंस शुल्क की फीस 571 रुपये है। कोरोना के कारण ज्यादातर ई-रिक्शा चालकों ने लाइसेंस शुल्क नहीं जमा किया।
शासन का निगम पर टैक्स बढ़ाने का पड़ा दबाव, ई रिक्शा चालकों पर कसा शिकंजा
अब शासन का निगम पर टैक्स बढ़ाने का दबाव पड़ा तो ई-रिक्शा चालकों पर शिकंजा कस दिया गया। महापौर अभिलाषा गुप्ता के निर्देश पर चालकों से पेनाल्टी नहीं ली जाएगी। लेकिन जिन चालकों ने लाइसेंस शुल्क नहीं जमा किए हैं, उनके ई-रिक्शे लाइसेंस इंस्पेक्टरों द्वारा पकड़कर निगम परिसर में खड़ाए कराए जा रहे हैं। इससे चालकों में खलबली मच गई है।
आरटीओ में है पांच हजार से ज्यादा ई रिक्शा के रजिस्ट्रेशन का अनुमान
आरटीओ में पांच हजार से ज्यादा ई-रिक्शों के रजिस्ट्रेशन का अनुमान है। अपर नगर आयुक्त रत्नप्रिया का कहना है कि ई-रिक्शा चालकों को हर साल लाइसेंस शुल्क जमा करना होता है। लेकिन, वह सोचते हैं कि आरटीओ में रजिस्ट्रेशन करा लेना ही पर्याप्त है। कोरोना के कारण करीब 10-11 महीने लाइसेंस शुल्क नहीं जमा हुए। अब इसके लिए अभियान शुरू किया गया है।