स्कूल बंद और पढ़ाई भी ठप, कोरोना संकट झेल रहे प्रयागराज के अभिभावक चाहते हैं आधी की जाए फीस

जब सब गतिविधियां ठप हैं तो स्कूल भी बंद हैं। बच्चे तो पिछले साल मार्च के बाद स्कूल जा ही नहीं सके। स्कूलों ने पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराई लेकिन लोगों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर औपचारिकता पूरी की जा रही है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 12:19 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 12:19 PM (IST)
स्कूल बंद और पढ़ाई भी ठप, कोरोना संकट झेल रहे प्रयागराज के अभिभावक चाहते हैं आधी की जाए फीस
अभिभावकों का कहना है कि शासन-प्रशासन को स्कूल फीस आधी कराने के लिए पहल करनी चाहिए।

प्रयागराज, जेएनएन। पिछले सवा साल से कोरोेना ने आफत मचा रखी है। जब सब गतिविधियां ठप हैं तो स्कूल भी बंद हैं। बच्चे तो पिछले साल मार्च के बाद स्कूल जा ही नहीं सके। ऐसे में स्कूलों ने पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराई लेकिन ज्यादातर लोगों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है। बच्चे ज्यादातर वक्त पोस्ट वीडियो को समझ नहीं पाते। कभी वीडियो सही नही होते। अभिभावकों का कहना है कि पिछले साल भर से तीस फीसद भी पढ़ाई नहीं हो  सकी है लेकिन फीस कम करने की बजाय और बढ़ा दी गई है। परेशानी से जूझ रहे अभिभावक स्कूलों की इस मनमानी से दुखी और नाराज हैं। उनका कहना है कि शासन-प्रशासन को फीस आधी कराने के लिए पहल करनी चाहिए।

नौकरी छूटी, काम ठप मगर फीस का बोझ है बना

कोरोना महामारी ने ज्यादातर लोगों समस्याओं से घेर दिया है। नुकसान तो सबको झेलना पड़ रहा है भले वह बड़े कारोबारी हो क्योंकि उनका भी काम मंदा हो गया है। उत्पादन इकाइयों में भी सुस्ती है। हर तरफ परेशानी के बीच स्कूलों की बढ़ती फीस और भी मुश्किल पैदा कर रही है। इस बाबत बुधवार को एरिया सेल्स मैनेजर वेलफेयर एसोसिएशन इलाहाबाद की वर्चुअल बैठक में फीस कम करने की बजाय बढ़ोत्तरी करने पर नाराजगी जाहिर की गई। सचिव संजय द्विवेदी ने कहा कि हमने इस महामारी में अपने बहुत से साथी खो दिए। हजारों परिवार इसकी चपेट में आ गए हैं। लोगों ने नौकरियां गंवा दीं या फिर वेतन कम कर दिए गए। काम-धंधा बंद हो गया। आमदनी तो सबकी घटी है। ऐसे में जरूरी है कि स्कूलों में फीस माफ की जाए या आधी करनी चाहिए क्योंकि ऑनलाइन पढाई के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है। पढ़ाई कुछ नहीं हो रही है। स्कूलों का कुछ खर्च भी नहीं हो रहा है। शिक्षकों को वेतन देने के लिए आधी फीस भी बहुत है। वर्चुअल बैठक में अध्यक्ष नरेंद्र आहूजा, शैलेंद्र सिंह, सुधीर श्रीवास्तव, विनोद चौरसिया, चेतन नारंग, राजेश चौधरी, मुकेश मिश्रा, आशुतोष श्रीवास्तव, आलोक राय, अनुपम पांडेय, देश गौरव, हर्ष परिहार आदि शामिल हुए। संचालन संजय द्विवेजी ने किया।

स्कूलों की मनमानी पर लगनी चाहिए रोक 

स्कूलों की फीस के विषय पर संकल्प वेलफेयर सोसाइटी की भी बैठक की गई जिसमें कहा गया कि स्कूल शिक्षा का मंदिर होते हैं लेकिन कोरोना काल में स्कूलों ने धन उगाही का काम जारी कर रखा है। आधे से ज्यादा खर्च बच रहा है तब भी फीस कम नहीं की जा रही है बल्कि कई स्कूलों ने दस फीसद तक बढ़ोत्तरी की है। स्कूलों की इस मनमानी पर प्रशासन को सख्ती से रोक लगानी चाहिए ताकि परेशान अभिभावकों को कुछ राहत मिल सके। बैठक में अध्यक्षता कर रहे राजीव शर्मा, सचिव अजय सिंह, कोषाध्यक्ष संजय, प्रमोद चौहान, कमलेश श्रीवास्तव, नीरज श्रीवास्तव, सचिन श्रीवास्तव. रंजन श्रीवास्तव, राजकुमार कुशवाहा, सुभाष शर्मा आदि मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि व्यापारी नेता प्रमिल केसरवानी ने स्कूलों की फीस माफी का आंदोलन भी चलाया, शासन प्रशासन से शिकायत भी की, अभिभावक भी सामने आए लेकिन तब भी यह समस्या बनी है।

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