Kitchen Garden : किचन गार्डेन : सरकारी स्कूली बच्चों को मिडडे मील में मिलेगी ताजी, मौसमी सब्जियां Prayagraj News
सरकारी स्कूलों में किचन गार्डेन को सरकार सवा करोड़ रुपये देगी। पांच हजार रुपये की दर से 2477 विद्यालयों को यह धनराशि दी जाएगी। सवा तीन लाख से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले के सरकारी स्कूलों में 'किचन गार्डेन' विकसित करने के निर्देश बहुत पहले से है, लेकिन अब इसके लिए बजट का भी प्रावधान किया गया है। प्राथमिक विद्यालयों में 'किचेन गार्डेन' के विकास के लिए करीब सवा करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे अब इस व्यवस्था में बेहतरी की आस जगी है।
रखरखाव के अभाव में उसमें से ज्यादातर पनप नहीं सके
मिडडे मील में स्कूली बच्चों को हरी, ताजी और मौसमी सब्जियां उपलब्ध कराने के मकसद से प्राथमिक विद्यालयों में 'किचेन गार्डेन' की व्यवस्था लागू की गई थी। हालांकि अभी तक इसमें बजट का प्रावधान नहीं था। जिन विद्यालयों में बच्चों के श्रमदान से 'किचन गार्डेन' तैयार भी किए गए, रखरखाव के अभाव में उसमें से ज्यादातर पनप नहीं सके। लिहाजा, इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए शासन ने प्रति प्राथमिक विद्यालय पांच हजार रुपये बजट देने का प्रावधान किया है।
अपर मुख्य सचिव ने बीएसए को निर्देशित किया
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बीएसए को पत्र जारी किया है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए बजट की व्यवस्था नहीं की गई है। जिले के 2477 प्राथमिक विद्यालयों को पांच हजार रुपये की दर से धनराशि मिलेगी। यानी इन विद्यालयों को कुल 1 करोड़ 23 लाख 85 हजार रुपये जारी होगा। इसका लाभ सवा तीन लाख बच्चों को मिलेगा।
'किचन गार्डेन' के दो मॉडल होंगे
नई व्यवस्था में किचेन गार्डेन के दो मॉडल तय किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में 20 गुणे 10 मीटर क्षेत्रफल में और शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पर्याप्त जगह की उपलब्धता न होने से 10 गुणे 10 मीटर क्षेत्रफल में इसका विकास किया जाना है।
कौन सी सब्जियां उगाई जाएंगी
किचन गार्डेन में भिंडी, पालक, लोबिया, लौकी, करेला, खीरा, कद्दू, बैंगन, शलजम, गाजर, मूली, सेम, तुरई, लोबिया, टमाटर, मटर, मिर्च, फूल और पत्ता गोभी, धनिया, बथुआ, प्याज, लहसुन, चुकंदर आदि सब्जियां उगाई जाएंगी।
बोले बेसिक शिक्षा अधिकारी
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा का कहना है कि इस व्यवस्था में अब काफी सुधार की उम्मीद है। जहां जगह की कमी है, गमले आदि भी में सब्जियां उगाने के निर्देश खंड शिक्षा अधिकारियों के जरिए विद्यालयों को दिए गए हैं।