बेहद कमजोर हो चुके प्रयागराज के स्कूल भवन हैं बच्चों के लिए 'खतरों की पाठशाला, 348 स्कूल हुए चिन्हित
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि करीब डेढ़ साल से सभी स्कूल बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है पर शिक्षक स्कूल आ रहे हैं। शासन के निर्देश पर इस बीच जर्जर भवनों को चिह्नित कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जनपद में तमाम परिषदीय स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं। शासन ने इन भवनों को चिह्नित करने व ढहाने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में अब तक 140 भवनों को चिह्नित किया गया है। जल्द ही इनकी नीलामी कर ढहाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। कुछ विकासखंडों में कई भवन ढहाए भी जा चुके हैं। इन सभी का विवरण डीएम और सीडीओ को भी दिया जा चुका है।
पहले चरण में 140 भवनों को गिराया जा रहा
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि करीब डेढ़ साल से सभी स्कूल बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है पर शिक्षक स्कूल आ रहे हैं। शासन के निर्देश पर इस बीच जर्जर भवनों को चिह्नित कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बारिश में किसी भी तरह का कहीं हादसा न हो इसे ध्यान में रखते हुए प्रयास है कि सभी जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। पहले चरण में 140 भवनों को गिरवाया जा रहा है। शनिवार को मांडा विकासखंड में जर्जर भवन ढहाए गए। इसी तरह से अन्य विकासखंडों में भवनों की नीलामी कराने के बाद ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके अतिरिक्त 208 अन्य भवनों को भी चिह्नित किया गया है। इनकी हालत भी ठीक नहीं है। इन्हें मरम्मतीकरण के योग्य नहीं पाया गया है। इसकी रिपोर्ट भी शासन को भेजी गई है। वहां से अनुमति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
तेज होगी स्कूलों के कायाकल्प की प्रक्रिया
बीएसए ने बताया कि सभी स्कूलों में जहां कायाकल्प के काम पिछड़े हैं उन्हें तेज कराया जा रहा है। संबंधित ग्राम प्रधानों को भी प्रेरित किया जा रहा है। इसी प्रयास में नवनिर्वाचित प्रधानों का ऑनलाइन उन्मुखीकरण कार्यक्रम कराने का निर्देश महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से दिया गया है। जूम एप व गूगल मीट के जरिए सभी को जोड़ा जाएगा और मिशन कायाकल्प की जानकारी दी जाएगी। बेहतर कार्य करने वाले राजमिस्त्री, शिक्षक व अन्य लोगों को भी इस कार्यक्रम में शामिल कर उनके अनुभव व सुझाव साझा किए जाएंगे।