Scholarship, Fee Reimbursement Scheme: शिक्षण संस्‍थानों को मास्टर डाटा में त्रुटि सुधार का है मौका

Scholarship Fee Reimbursement Scheme शिक्षण संस्थाओं द्वारा पूर्व में कोई त्रुटिपूर्ण अंकन किया गया है तो उसे सही करने के लिए री-सेट का विकल्प दे दिया गया। छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति पाने से वंचित रहने पर पूरी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 02:35 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 02:35 PM (IST)
Scholarship, Fee Reimbursement Scheme: शिक्षण संस्‍थानों को मास्टर डाटा में त्रुटि सुधार का है मौका
छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति पाने से वंचित रहने पर पूरी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शैक्षिक सत्र 2020-21 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत कुछ शिक्षण संस्थानों ने संबंधित एजेंसी की जगह दूसरी एजेंसियों का चयन किया। इससे मास्टर डाटा में शिक्षण संस्थाओं का पाठ्यक्रम दिखाई नहीं दे रहा है। मास्टर डाटा में संस्थाओं की लागिन 27 सितंबर तक खुली रहेगी।

री-सेट का विकल्‍प दिया गया है

ऐसे में शिक्षण संस्थाओं द्वारा पूर्व में कोई त्रुटिपूर्ण अंकन किया गया है तो उसे सही करने के लिए री-सेट का विकल्प दे दिया गया। छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति पाने से वंचित रहने पर पूरी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी।

ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ व्यापारियों का हल्ला बोल

विदेशी कंपनियों द्वारा ई-कामर्स व्यापार में नियमों का खुला उल्लंघन करने के विरोध में व्यापारियों ने हल्ला बोल दिया है। मामले में कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा अपर जिला मजिस्ट्रेट (तृतीय) को ज्ञापन सौंपा गया। ई-कामर्स के लिए बने नियम को तत्काल लागू करने और एक विदेशी कंपनी द्वारा अधिवक्ताओं के माध्यम से दी गई कथित रिश्वत मामले की सीबीआइ जांच की मांग की गई। कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल और वरिष्ठ उपाध्यक्ष विभु अग्रवाल ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या विदेशी कंपनियों को देश के कानून अथवा नियमों के उल्लंघन की इजाजत देगी अथवा कार्रवाई करेगी। ज्ञापन देने वालों में संदीप अग्रवाल, अन्नू पांडेय, आशीष केसरी, अनुपम अग्रवाल आदि शामिल थे।

ई-कार्म कंपनियों पर नकेल लगाना जरूरी : मनीष

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की ठठेरी बाजार स्थित जिला कार्यालय में प्रभारी मनीष कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिलाध्यक्ष सुशांत केसरवानी ने कहा कि ई-कामर्स कंपनियों पर नकेल लगाना जरूरी है। त्योहारी सीजन में वित्त मंत्रालय को अपनी नीतियां स्पष्ट करते हुए नियम को जल्द लागू कर देना चाहिए। बैठक का संचालन वरिष्ठ महामंत्री अनूप वर्मा ने किया। संरक्षक राजीव कृष्ण श्रीवास्तव, मनीष कुमार गुप्ता, राजकुमार केसरवानी, अखिलेश मिश्रा, ओम प्रकाश गुप्ता आदि मौजूद थे।

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