Sawan 2021: सावन का तीसरा सोमवार आज, श्लेषा नक्षत्र के शुभ संयोग में पूजे जा रहे शिव, ऐसे करें पूजन
Sawan 2021 आज सावन का तीसरा सोमवार है। श्लेषा नक्षत्र वरीयान योग शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि किमस्तुग्घ्न व बर करण के बीच भगवान शिव की स्तुति हो रही है। दैहिक दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति के लिए शिव की अराधना की जा रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। आज सावन का तीसरा सोमवार है। तीसरा सोमवार श्लेषा नक्षत्र में है। चहुंओर शिवमय माहौल है। 'हर-हर महादेव, बम-बम भोले' के जयकारे से शिव मंदिर गुंजायमान हैं। मनोकामना पूर्ति के लिए शिवालयों में रुद्राभिषेक, जलाभिषेक व महाभिषेक का सिलसिला जारी है। व्रती भक्त घरों में भी शिव-शंकर का पूजन-अर्चन के साथ अभिषेक कर रहे हैं। भजन-कीर्तन भी घरों में हो रहा है।
उमसभरी गर्मी, उफनाती गंगा व यमुना की भयावह स्थिति से बेफिक्र शिवभक्त कांवरिया स्नान करके अभिषेक, दर्शन-पूजन के लिए शिवालयों में पहुंच रहे हैं। इसके बीच अद्भुत संयोग के साथ सावन का तीसरा सोमवार पड़ा है। श्लेषा नक्षत्र, वरीयान योग, शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि, किमस्तुग्घ्न व बर करण के बीच भगवान शिव की स्तुति हो रही है। दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति के लिए शिव की अराधना की जा रही है। वहीं, दशाश्वमेध महादेव, मनकामेश्वर महादेव, गंगोली शिवालय, शिव कचहरी आदि शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए भारी भीड़ जुटी है।
दुग्धाभिषेक व करें पूजन
पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं प्राचीन शिवालय में भगवान शिव की मूर्ति अथवा शिवलिंग का दुग्धाभिषेक करके बेलपत्र, फल, पुष्प, मिष्ठान अर्पित करके धूप, दीप से आरती करें। पूजन के बाद दिनभर उपवास रखकर मन ही मन पुरुष 'ओम नम: शिवाय' व महिलाएं 'नम: शिवाय' का जप करते रहें। शाम पुन: शिव की आरती करके स्वल्पाहार ग्रहण करें।
जानें, सावन सोमवार का विशेष योग
नौ अगस्त (तीसरा सोमवार)
श्लेषा नक्षत्र, वरीयान योग, शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि, किमस्तुग्घ्न व बर करण।
-16 अगस्त (चौथा सोमवार)
अनुराधा नक्षत्र, ब्रह्मयोग, यायिजय योग, सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
कोविड-19 गाइडलाइन का पालन
सावन के तीसरे सोमवार पर शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ है। हालांकि मंदिरों को कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। भक्त भी कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। वहीं मंदिरों में पुलिस की भी पर्याप्त व्यवस्था है।