Sawan 2021: शिव में समाहित है सृष्टि का सार, महादेव हैं संयम, निर्भीकता, त्याग व समर्पण के पर्याय

शिवपुराण की कथा का बखान करते हुए आचार्य पवन देव ने कहा कि सोमवार का दिन भगवान शिव को अति प्रिय है इस दिन जो भी भक्त अपने हाथों से शिवलिंग का निर्माण कर अभिषेक करते हैं उनकी सर्व मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:23 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:23 AM (IST)
Sawan 2021: शिव में समाहित है सृष्टि का सार, महादेव हैं संयम, निर्भीकता, त्याग व समर्पण के पर्याय
नैतिक विकास शोध संस्थान सेवा ट्रस्ट प्रयाग में जारी अनन्त पार्थिव शिवलिंग निर्माण महायज्ञ का आयोजन चल रहा है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। विश्व कल्याण, कोरोना महामारी से निजात व मनोकामना पूर्ति हेतु नैतिक विकास शोध संस्थान सेवा ट्रस्ट प्रयाग के तत्वाधान में जारी अनन्त पार्थिव शिवलिंग निर्माण महायज्ञ का आयोजन चल रहा है। श्री कृपासिंधु हनुमान (काले हनुमान) मन्दिर त्रिवेणी बाँध पर भक्त पार्थिव शिवलिंग का निर्माण व अभिषेक करने में लीन है। धर्माचार्य महंत दिनेश स्वरुप ब्रहमचारी ने शिव की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सृष्टि का सार शिव में समाहित है। शिव संयम, निर्भीकता, त्याग व समर्पण के पर्याय है। जो खुद को कष्ट देकर सृष्टि का कल्याण करते हैं।

प्रिय है सोमवार का दिन

शिवपुराण की कथा का बखान करते हुए आचार्य पवन देव ने कहा कि सोमवार का दिन भगवान शिव को अति प्रिय है, इस दिन जो भी भक्त अपने हाथों से शिवलिंग का निर्माण कर अभिषेक करते हैं उनकी सर्व मनोकामना पूर्ण हो जाती है। उन्होंने सोमवार व्रत कथा और शिव महात्म पर विस्तार से कथा का अमृत पान कराया।

11 वर्षों से चल रहा है अनुष्ठान

यज्ञ संयोजक श्याम सूरत पाण्डेय ने कहा कि यह अनुष्ठान प्रयाग की धरती पर जो कि देवभूमि और यज्ञ के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। विगत 11 वर्षों से लगातार निर्विघ्न रूप से जारी है जो भी भक्तगण अपनी मनोकामनाओं को लेकर इस यज्ञ में भागीदारी करते हैं उन्हें भगवान शिव की सीधी कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। भक्तों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी के सिद्धान्त पर ही अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराने की अपील की। यज्ञ अनवरत जारी रहेगा। अभिषेक में भानुस्वरूप ब्रह्मचारी, बृजेशकृष्ण भारद्वाज, कल्पनेश जी महाराज, प्रमुख संरक्षक फूलचन्द्र दुबे, बीके पाण्डेय, मधुचकहा, राजेंद्र तिवारी दुकानजी, महासचिव सत्य प्रकाश पाण्डेय, आशा पाण्डेय, योगिराज देवरहा जंगल बाबा, मनीषा तिवारी, अपर्णा तिवारी, श्वेता तिवारी, श्रवण दुबे, गिरिजेश मिश्रा, भारतीय किसान यूनियन के मण्डल महासचिव के के मिश्रा, अनिल बिन्द, रामसूफल शामिल रहे।

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