Sawan 2021: सर्वार्थ सिद्धि योग में है सावन का दूसरा सोमवार, भक्‍तों पर बरसेगी शिव की कृपा

Sawan 2021 सावन में भगवान शिव जाग्रत रहते हैं। इसी कारण इस महीने शिव की विशेष स्तुति की जाती है। दशाश्वमेध महादेव मनकामेश्वर महादेव गंगोली शिवालय शिव कचहरी आदि शिवालयों में व्रत रखकर रुद्राभिषेक महाभिषेक व जलाभिषेक करने का सिलसिला चल रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:14 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 01:23 PM (IST)
Sawan 2021: सर्वार्थ सिद्धि योग में है सावन का दूसरा सोमवार, भक्‍तों पर बरसेगी शिव की कृपा
सावन के दूसरे सोमवार पर शिव मंदिरों में आस्‍था की गंगा बह रही है। पूजन-अर्चन में भक्‍त लीन हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। आज सावन का दूसरा सोमवार है। आप भी जानें कि दूसरे सोमवार पर नवमी तिथि, कृतिका नक्षत्र, गर करण व सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग है। धर्माचार्यों कहना है कि इस पावन बेला में सच्चे हृदय से स्तुति करने वाले भक्तों पर शिव की कृपा बरसेगी। विधि और विधान के साथ पूजन-अर्चन और जलाभिषेक करने से शिवजी प्रसन्‍न होंगे। आज मौसम भी साफ है। शिव मंदिरों और शिवालयों में भोलेनाथ की स्‍तुति में भक्‍त लीन हैं।

हर ओर बह रही भक्ति की बयार

महादेव भगवान शिव के प्रिय महीने सावन में चहुंओर भक्ति की बयार बह रही है। सनातन धर्मावलंबी रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और महाभिषेक कराकर भोलेनाथ को रिझाने में लगे हैं। रोक के बावजूद शिवभक्त कांवरियों के छोटे-छोटे जत्थों में निकल पड़े हैं। संगम और गंगा में डुबकी लगाकर जल भरकर कांवरिया 'हर-हर, बम-बम' का उद्घोष करते हुए शिवालय पहुंचकर जलाभिषेक कर रहे हैं। 

ऐसे करें पूजन तो शिव होंगे प्रसन्‍न

सावन में भगवान शिव जाग्रत रहते हैं। इसी कारण इस महीने शिव की विशेष स्तुति की जाती है। दशाश्वमेध महादेव, मनकामेश्वर महादेव, गंगोली शिवालय, शिव कचहरी आदि शिवालयों में व्रत रखकर रुद्राभिषेक, महाभिषेक व जलाभिषेक करने का सिलसिला चल रहा है। सावन के दूसरे सोमवार पर प्राचीन शिवालय में भगवान शिव की मूर्ति अथवा शिवलिंग का दुग्धाभिषेक करके बेलपत्र, फल, पुष्प, मिष्ठान अर्पित करके धूप, दीप से आरती भक्‍त कर रहे हैं। पूजन के बाद दिनभर उपवास रखकर मन ही मन पुरुष 'ओम नम: शिवाय' व महिलाएं 'नम: शिवाय' का जप करें। शाम को पुन: शिव की आरती करके स्वल्पाहार ग्रहण करें।

जानें प्रत्‍येक सोमवार का महत्‍व

दो अगस्त (दूसरा सोमवार)

नवमी तिथि, कृतिका नक्षत्र, गर करण व सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

नौ अगस्त (तीसरा सोमवार)

श्लेषा नक्षत्र, वरीयान योग, शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि, किमस्तुग्घ्न व बर करण।

-16 अगस्त (चौथा सोमवार)

अनुराधा नक्षत्र, ब्रह्मयोग, यायिजय योग, सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

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