Sawan 2021: इस सावन मास में सौभाग्य योग का दुर्लभ संयोग, जानें प्रत्येक सोमवार का महत्व
Sawan 2021 पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि श्रावण का महीना अत्यंत पवित्र होता है। अविवाहित कन्याएं मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखकर शिवपूजन करती हैं। पुरुष दैहिक दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति के लिए शिव की स्तुति में लीन रहते हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सावन का महीना शिवभक्ति को समर्पित होता है। इस बार सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होगा। इस खास माह का अत्यंत महत्व है। श्रावण यानी सावन माह में समस्त देवता शयन (निंद्रा) करते हैं, लेकिन भगवान शिव जाग्रत रहते हैं। इसी कारण यह महीना भोलेनाथ की भक्ति का माना गया है। व्रत रखकर रुद्राभिषेक, महाभिषेक व जलाभिषेक करने पर शिव प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। इस बार 25 जुलाई से श्रावण के महीने का आरंभ हो रहा है। पहले सोमवार पर सौभाग्य नामक योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। धर्माचार्य कहते हैं कि उक्त योग पर व्रत व अनुष्ठान करने वालों पर भगवान शिव सौभाग्य की वर्षा करेंगे।
सावन में शिव स्तुति से 12 ज्येातिर्लिंगों के दर्शन का फल : आचार्य विद्याकांत
पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि श्रावण का महीना अत्यंत पवित्र होता है। श्रावण के सोमवार व प्रदोष का व्रत रखकर यम-नियम से भोलेनाथ की स्तुति करने से साधक को 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के समान फल प्राप्त होता है। माता पार्वती ने इसी माह व्रत रखकर शिव को पाया था। इसी कारण महिलाएं व युवतियां श्रावण में शिव भक्ति करती हैं। महिलाएं वैवाहिक जीवन की कुशलता, सुख-समृद्धि के लिए शिव की स्तुति करती हैं। वहीं, अविवाहित कन्याएं मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखकर भोलेनाथ का पूजन करती हैं, जबकि पुरुष दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति के लिए शिव की स्तुति में लीन रहते हैं।
हर सोमवार को है विशेष योग
ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि श्रावण का महीना 25 जुलाई को आरंभ होकर 22 अगस्त तक रहेगा। बताते हैं कि हर सोमवार को विशेष योग बन रहा है, जिसमें पूजन व अनुष्ठान करने वाले को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी।
-26 जुलाई (पहला सोमवार) :- घनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य योग, वणिज करण।
-दो अगस्त (दूसरा सोमवार) :- नवमी तिथि, कृतिका नक्षत्र, गर करण व सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
-नौ अगस्त (तीसरा सोमवार) :- श्लेषा नक्षत्र, वरीयान योग, शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि, किमस्तुग्घ्न व बर करण।
-16 अगस्त (चौथा सोमवार) :- अनुराधा नक्षत्र, ब्रह्मयोग, यायिजय योग, सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।