Sawan 2021: सावन का महीना आज से शुरू, जानें रुद्राभिषेक के प्रकार और उससे होने वाले लाभ

Sawan 2021 पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि भगवान शिव कलियुग के देवता हैं। सच्चे हृदय से माहभर शिव की स्तुति में लीन रहना चाहिए। व्रत रखने वाले पुरुषों को ओम नम शिवाय व महिलाओं को नम शिवाय का मन में जप करना चाहिए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:46 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:46 AM (IST)
Sawan 2021: सावन का महीना आज से शुरू, जानें रुद्राभिषेक के प्रकार और उससे होने वाले लाभ
आज से शुरू सावन माह में शिव की स्तुति से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

प्रयागराज, जेएनएन। सावन का महीना आज यानी रविवार से शुरू हो गया है। पहले दिन शिवालयों, शिव मंदिरों में पूजन-अर्चन का क्रम सुबह से ही शुरू है। ऊं नमह शिवाय के जाप के साथ भक्‍त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं। हर ओर आस्‍था और उल्‍लास नजर आ रहा है। हालांकि कोरोना काल में कोविड-19 गाइडलाइन का भी पालन करते हुए पूजा-पाठ भक्‍त कर रहे हैं। यहां हम आपको यह बताएंगे कि सावन माह में भोलेनाथ का किन-किन चीजों से जलाभिषेक किया जाता है। जलाभिषेक से होने वाले लाभ पर भी चर्चा करेंगे। ज्‍योतिर्विदों ने इसके लाभ बताए हैं।

22 अगस्‍त तक है सावन माह

सृष्टि के रक्षक, विषधर, देवाधिदेव महादेव भगवान शिव का स्तुति का कालखंड सावन का महीना आज से आरंभ हो गया है। 22 अगस्त तक सावन का महीना है। शिव का ध्यान, पूजन, भजन, अभिषेक और दर्शन करने वाले भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि सावन के महीने की सनातन धर्मावलंबियों को प्रतीक्षा रहती है।

महिलाएं 'नमह शिवाय' व पुरुष करें 'ओम नम: शिवाय' का जाप

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि भगवान शिव कलियुग के देवता हैं। सच्चे हृदय से माहभर शिव की स्तुति में लीन रहना चाहिए। व्रत रखने वाले पुरुषों को 'ओम नम: शिवाय' व महिलाओं को 'नम: शिवाय' का मन में हर समय जप करना चाहिए। उन्‍होंने बताया कि मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए रुद्राभिषेक करना चाहिए। हर मनोकामना के लिए अलग-अलग सामग्रियों से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से उसका अधिक फल प्राप्त होता है।

रुद्राभिषेक की सामग्री व उससे होने वाला लाभ

-गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने से धन की प्राप्ति होती है।

-गाय के दूध से रुद्राभिषेक करने से सुख-समृद्धि व संतान की प्राप्ति होती है।

-कुष मिश्रित गंगाजल से रुद्राभिषेक करने से समस्त रोगों से मुक्ति मिलती है।

-शर्करा (चीनी या गुड़ के रस) से रुद्राभिषेक करने से सुख-समृद्धि व धन की प्राप्ति होती है।

-दही से रुद्राभिषेक करने पर पशु पालन की मनोवृत्त की प्राप्ति होती है।

-शहद से रुद्राभिषेक करने पर धन की प्राप्ति होती है।

-तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

-पंचामृत से रुद्राभिषेक करने से समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है।

-सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करने से शत्रु पराजय की कामना पूरी होती है।

-इत्र मिले जल से रुद्राभिषेक करने से बिगड़े काम बनेंगे।

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