प्रयागराज में प्राइमरी अध्यापक से रामपूजन पटेल ने तय किया था दिल्ली में संसद तक का सफर, बहुत ही सरल था स्वभाव
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद चंद्र दुबे कहते हैं कि रामपूजन पटेल जी सन् 1961 में प्राइमरी स्कूल के अध्यापक थे। मंत्री जी के नाम से ख्यात सालिगराम जायसवाल बाबा रामअधार यादव व छोटे लोहिया के नाम से मशहूर पंडित जनेश्वर मिश्र उन्हें राजनीति में लेकर आए थे
प्रयागराज, जेएनएन। वयोवृद्ध राजनेता रामपूजन पटेल प्राइमरी के अध्यापक से लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद तक पहुंचे थे। एमएलसी, एमएलए, संसद सदस्य के अलावा प्रदेश और केंद्र में मंत्री पद को सुशोभित किया था। इसके बावजूद उनका व्यक्तित्व साधारण और व्यवहार सरल था। उनके इसी व्यवहार के चलते दलगत राजनीति से परे होकर उनका लोग सम्मान और स्नेह देते थे। सोमवार को रामपूजन का निधन होने पर प्रयागराज में लोग उन्हें याद कर उनके बारे में चर्चा करते रहे।
नवाबगंज क्षेत्र से पहली बार चुने गए थे विधायक
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद चंद्र दुबे कहते हैं कि पटेल जी सन् 1961 में प्राइमरी स्कूल के अध्यापक थे। मंत्री जी के नाम से ख्यात सालिगराम जायसवाल, बाबा रामअधार यादव व छोटे लोहिया के नाम से मशहूर पंडित जनेश्वर मिश्र उन्हें राजनीति में लेकर आए थे और पहली बार वह 1969 में सोशलिस्ट पार्टी से नवाबगंज क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। वर्ष 1974 के विधानसभा चुनाव से पूर्व सालिगराम जायसवाल के नेतृत्व में रामपूजन पटेल सहित चार विधायक सोशलिस्ट पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 1974 में वे कांग्रेस से चुनाव लड़े, उनके सामने सोशलिस्ट पार्टी से विनोद चंद्र दुबे थे, जीत रामपूजन पटेल की हुई थी। 1969 में भी वे कांग्रेस से विधायक चुने गए थे। साल 1992 में समाजवादी पार्टी बनने के बाद से सपा में ही रहे।
इमरजेंसी लगाने के विरोध में छोड़ दी थी कांग्रेस पार्टी
इंदिरा सरकार ने 1977 में जब देश में इमरजेंसी लागू की थी तो विरोध स्वरूप रामपूजन पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी। कांग्रेस नेता किशोर वाष्णेय ने बताया कि रामपूजन पटेल फूलपुर सीट से दो बार संसद पहुंचे थे। एक बार कांग्रेस से तो दूसरी बार सन् 1989 में जनता दल से। वीपी सिंह सरकार में वे केंद्रीय मंत्री भी रहे। प्रदेश कांग्रेस के वे कार्यवाहक अध्यक्ष भी रहे थे।
साधारण व्यक्तित्व और स्वभाव से थे बहुत ही सरल
कांग्रेस के प्रदेश कमेटी के सदस्य रहे किशोर वाषर्णेय बताते हैं कि रामपूजन जी का व्यक्तित्व बहुत साधारण और स्वभाव सरल था। जब वे केंद्रीय मंत्री थे तो मैं एक साथी के साथ दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित आवास पर रुका था। वे घर में लुंगी व बनियान में रहते थे। नहाने के बाद तेल, क्रीम आदि नहीं लगाते थे। बाल को हाथ से ही झाड़ लेते थे। वे सुबह सबसे पहले उठते और नित्य क्रिया करने के बाद हम लोगों को उठाते थे। खुद ही नल आदि खोलकर देखते थे कि पानी आ रहा कि नहीं। आज के जमाने में इतना सरल आदमी मिलना मुश्किल है। वह भी तब जब वह केंद्रीय मंत्री बना हो।