Salim and Shabnam : फोन पर रोते हुए मां से करता है मिलने की मिन्नत, घरवालों ने नैनी जेल में बंद सलीम से मुंह मोड़ा

प्रेमिका शबनम के सात स्वजन को मौत के घाट उतारने वाले सलीम को भी अदालत से फांसी की सजा सुनाई गई है। दया याचिका अभी राष्ट्रपति कार्यालय में लंबित है। शबनम की याचिका खारिज हो चुकी है। सलीम को अपनी करतूतों से ज्यादा संबंधियों की बेरुखी परेशान कर रही है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 04:18 PM (IST)
Salim and Shabnam : फोन पर रोते हुए मां से करता है मिलने की मिन्नत, घरवालों ने नैनी जेल में बंद सलीम से मुंह मोड़ा
भाई ताहिर खां और बहन रजिया ने भाई की करतूतों की वजह से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया है।

प्रयागराज, जेएनएन। अमरोहा जिले के हसनपुर तहसील अंतर्गत बावनखेड़ी गांव में 14 अप्रैल 2018 को हुए नरसंहार का दोषी सलीम पुत्र अब्दुल रऊफ स्वजन की बेरुखी से बेहद आहत है। पिछले ढाई साल से वह केंद्रीय कारागार में निरुद्ध है, लेकिन कोई उससे मिलने नहीं आया। मां चमन बेगम से वह जेल स्थित पीसीओ से बातचीत के दौरान फफक पड़ता है। घरवालों से मिन्नत करता है कि वह एक बार उससे मिल लें, लेकिन कोई भी उससे मिलने नहीं पहुंचा। भाई ताहिर खां और बहन रजिया ने भाई की करतूतों की वजह से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया है। 

निकलते हैैं आंसू, ढाई साल की बंदी के दौरान कभी मिलने नहीं आए घरवाले

प्रेमिका शबनम के परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाले सलीम को भी अदालत से फांसी की सजा सुनाई गई है। उसकी दया याचिका अभी राष्ट्रपति कार्यालय में लंबित है जबकि शबनम की याचिका खारिज हो चुकी है। अब सलीम को अपनी करतूतों से ज्यादा अपने रक्त संबंधियों की बेरुखी परेशान कर रही है। साथी बंदियों से परिवार के बारे में चर्चा पर उसकी आंख नम हो जाती है। अन्य बंदियों से स्वजन मिलने आते हैं तो वह इतना ही कहता है कि एक दिन उसकी मां उससे मिलने जरूर आएंगी। बढ़ई का काम करने वाले सलीम ने गांव की ही निवासी शिक्षामित्र शबनम से मोहब्बत में निकाह नहीं किया था। परिवार वाले उसे शबनम से दूरी बनाने की बात कहते थे, लेकिन वह नहीं माना। फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद सलीम 9 सितंबर 2018 से नैनी जेल में ही बंद है। जेल प्रशासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सलीम फोन पर बात करते समय अक्सर रोने लगता है। 

यह था घटनाक्रम 

14 अप्रैल 2008 की रात सलीम के जीवन के लिए सबसे काली रात साबित हुई। वह अपनी महबूबा शबनम के बुलावे पर उसके घर पहुंच गया। प्यार में पागल हुई शबनम ने उस रात अपने माता-पिता, दो भाई, भतीजे, भाभी व रिश्ते की बहन को सलीम के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया था।

chat bot
आपका साथी