प्रयागराज में सब्जियों के दाम स्थिर होने से बढ़ी बिक्री तो खिल उठे किसानों के चेहरे, अच्छी आय की जगी है आस

विगत एक पखवाड़ा में मटर लौकी कद्दू आदि सब्जियों की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई थी। लेकिन इस सप्ताह के शुरू में ही सब्जियों की कीमतें धड़ाम होने से मंडी में खरीदारों की बल्ले-बल्ले हो गई है। बुधवार को भी सब्जियों की कीमतें स्थिर रहीं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 04:01 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 04:01 PM (IST)
प्रयागराज में सब्जियों के दाम स्थिर होने से बढ़ी बिक्री तो खिल उठे किसानों के चेहरे, अच्छी आय की जगी है आस
बुधवार को भी सब्जियों की कीमतें स्थिर रहीं। इस वजह से बिक्री में तेजी का रुख बना है।

प्रयागराज, जेएनएन। जनपद में विगत एक पखवाड़ा में मटर, लौकी, कद्दू आदि सब्जियों की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई थी। लेकिन इस सप्ताह के शुरू में ही सब्जियों की कीमतें धड़ाम होने से मंडी में खरीदारों की बल्ले-बल्ले हो गई है। बुधवार को भी सब्जियों की कीमतें स्थिर रहीं। इस वजह से बिक्री में तेजी का रुख बना है। बिक्री अच्छी होने से किसानों के भी चेहरे खिल उठे हैं। उन्हें आस बंधी है कि ऐसा ही रहा तो उन्हें कुछ अतिरिक्त आय हो सकेगी वरना कीमतों में इजाफा होने पर लोग खरीदारी कम कर देते हैं।

गिरा है ज्यादातर सब्जियों का दाम    

फिलहाल मुंडेरा मंडी में मटर का रेट चार से पांच रुपये गिरकर 15-16 रुपये किलो, गाजर का मूल्य दो रुपये घटकर आठ से 10 रुपये और शिमला मिर्च 20-22 रुपये से कम होकर 15-16 रुपये किलो हो गया है। 35-40 रुपये में बिकने वाली भिंडी 30 रुपये किलो और कद्दू का रेट 15 रुपये से गिरकर आठ से 10 रुपये, खीरा का मूल्य 15-16 रुपये किलो और करैला 55-60 रुपये किलो से गिरकर 40-50 रुपये किलो हो गया है। टमाटर की कीमत सात-आठ रुपये किलो, आलू का दाम छह-सात रुपये से कम होकर पांच रुपये किलो हो गया है। हालांकि, लौकी का रेट 18-20 रुपये और प्याज का दाम 35 से 40 रुपये किलो है। 

खूब आ रहे खरीदार और हो रहा किसानों को लोग

फुटकर में मटर 20 रुपये, टमाटर 20 रुपये का डेढ़ किलो, प्याज 45-50 रुपये, गाजर और खीरा 15 से 20 रुपये किलो बिक रहा है। सोया, मेथी, पालक, बथुरा सब्जियों की कीमतें पहले से बेहद कम हैं। फल सब्जी व्यापार मंडल महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा का कहना है कि सब्जियों की कीमतें घटने से बिक्री बहुत अच्छी हो रही है। मंडी से 35-40 किमी. के दायरे के खरीदार खूब निकल रहे हैं। बिक्री बढ़िया होने से किसानों को भी काफी लाभ हो रहा है।

chat bot
आपका साथी