अब डराया कोरोना ने, प्रयागराज में 60 फीसद से ज्यादा घटी जलेबी, इमरती, आइसक्रीम, रसमलाई की बिक्री
मिठाई कारोबारी ऐसे आइटम बनवा रहे हैं जो प्रतिदिन बिक जाए। स्टॉक में रखने वाली मिठाइयां एकदम नहीं बन रही हैं। जो मिठाइयां बन रही हैं वह बिक नहीं रही हैं। लोग घरों में मंगाने से डर रहे हैं। लोग घर की बनी चीजें खाने में भरोसा कर रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। स्वाद के शौकीनों पर भी कोरोना की मार पड़ी है। जो लोग सुबह दुकान पर गरम-गरम जलेबी, शाम को इमरती और रसमलाई खाने, आइसक्रीम का स्वाद लेने, स्नैक्स, समोसा, ढोकला खरीदने के लिए निकलते थे। ऐसे बहुत से लोग अब इन चीजों को खाने एवं खरीदने से परहेज करने लगे हैं। इसकी वजह से इनकी मांग बेहद कम हो गई है। आइसक्रीम तो लोग बिल्कुल नहीं खरीद रहे हैं। मिठाई और नमकीन के आइटम की डिमांड करीब 60 फीसद तक गिरने के दावे मिठाई कारोबारियों के हैं।
स्वाद के शौकीनों पर कोरोना की मार, घर की बनी चीजें ही खाने पर भरोसा
मिठाई कारोबारी ऐसे ही आइटम बनवा रहे हैं जो प्रतिदिन बिक जाए। स्टॉक में रखने वाली मिठाइयां एकदम नहीं बनवाई जा रही हैं। जो मिठाइयां बन रही हैं, वह भी पूरी बिक नहीं रही हैं। लोग घरों में भी मंगाने से डर रहे हैं। संक्रमण से बचने के लिए अब ज्यादातर लोग घर की बनी चीजें खाने में ही भरोसा कर रहे हैं। सुलाकी स्वीट्स के गौरव सुलाकी बताते हैं कि 35 घंटे का लॉकडाउन होने से लोगों में यह डर हो गया है कि इसे कहीं आगे बढ़ा न दिया जाए। इसकी वजह से आधे स्टॉफ छुट्टी लेकर चले गए। जलेबी, इमरती, रसमलाई, बालूशाही समेत सभी मिठाइयों की डिमांड लगभग 60 फीसद तक घट गई है। वहीं, कामधेनु स्वीट््स के इंदर मध्यान का कहना है कि मिठाई के साथ नमकीन के आइटमों की बिक्री भी लगभग 60 फीसद तक घट गई है। आइसक्रीम की बिक्री एकदम नहीं है। ठंड के कारण लोग आइसक्रीम बिल्कुल नहीं पसंद कर रहे हैं।