Magh Mela 2022: साधु-संत चाहते हैं कि प्रशासन बांटे खाक चौक की जमीन, मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
वर्ष 2021 में समिति के अध्यक्ष सीताराम दास व महामंत्री संतोष दास ने अलग-अलग संगठन बना लिया। इससे महात्मा दो गुटों में बंट गए हैं। राजेश्वर दास कहते हैं कि प्रशासन किसी एक को जमीन देगा तो दूसरा गुट विरोध में खड़ा हो जाएगा। इससे आपसी विवाद बढ़ेगा
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। बाढ़ का पानी कम होने के साथ संगम तट पर तंबुओं की नगरी बसाने की कवायद शुरू हो गई है। माघ मेला के लिए गंगा में पांटून पुल बनाने काम होने लगा है। इसके साथ मेला क्षेत्र में कल्पवास करने वाले महात्मा जमीन व सुविधा को लेकर चिंता कर रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता खाकचौक के महात्माओं की है। वे प्रशासन के जरिए जमीन व सुविधाओं का वितरण कराने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कुछ महात्माओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इनका कहना है कि खाकचौक व्यवस्था समिति दो गुट में बंट गई है, ऐसी स्थिति में प्रशासन स्वयं हर महात्मा को जमीन व सुविधाओं का वितरण करे। इससे महात्माओं के बीच कोई विवाद नहीं होगा।
अध्यक्ष और महामंत्री ने बना लिया अलग संगठन
खाकचौक व्यवस्था समिति माघ मेला के महात्माओं का सबसे बड़ा संगठन है। इस संगठन से वैरागी व तपस्वी महात्मा जुड़े हैं। महात्माओं की संख्या लगभग तीन हजार है। हर वर्ष प्रशासन समस्त महात्माओं की जमीन व सुविधा खाकचौक व्यवस्था समिति के अध्यक्ष व महामंत्री को दे देता था। फिर अध्यक्ष व महामंत्री अपनी मर्जी के अनुसार उसका वितरण करते थे। वर्ष 2021 में समिति के अध्यक्ष सीताराम दास व महामंत्री संतोष दास ने अलग-अलग संगठन बना लिया। इससे महात्मा दो गुटों में बंट गए हैं। राजेश्वर दास कहते हैं कि प्रशासन किसी एक को जमीन देगा तो दूसरा गुट विरोध में खड़ा हो जाएगा। इससे आपसी विवाद बढ़ेगा। ऐसी स्थिति में प्रशासन जमीन व सुविधा वितरण की तैयारी अभी से कर ले, जिससे भविष्य में कोई विवाद न होने पाए।
मेला क्षेत्र और पांटून पुल बढ़ाने की मांग
प्रयाग धर्म संघ ने जनवरी-2022 में प्रस्तावित माघ मेला का क्षेत्रफल व पांटून पुलों की संख्या बढ़ाने की मांग उठाई है। संघ के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र भेजकर उसके मद्देनजर उचित कार्रवाई कराने की मांग की है। कहा कि माघ मेला में चार-पांच पांटून पुल बनता है, उसकी संख्या बढ़ाकर छह की जाय। कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर माघ मेला की तैयारी होनी चाहिए। कल्पवासियों व श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए समस्त तैयारी कराई जाय। उन्होंने कहा कि मेला में श्रद्धालुओं की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इसी के अनुरूप वाहनों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मेला का क्षेत्र व पांटून पुल बढ़ाने से यातायात सुगम होगा।