पहली बार पंचकोसी परिक्रमा में शामिल होंगे किन्नर अखाड़ा के सन्‍यासी

संतों व श्रद्धालुओं के साथ किन्नर संन्यासी परिक्रमा का हिस्सा बनकर समस्त परंपराओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह पहला मौका होगा जब किन्नर संन्यासी अखाड़ा परिषद के किसी आयोजन में हिस्सा लेंगे। 2019 के कुंभ मेला में किन्नर संन्यासियों ने जूना अखाड़ा के साथ शाही स्नान किया था।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 03:36 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 03:36 PM (IST)
पहली बार पंचकोसी परिक्रमा में शामिल होंगे किन्नर अखाड़ा के सन्‍यासी
पहली बार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की पंचकोसी परिक्रमा में किन्नर अखाड़ा के संन्यासी भी शामिल होंगे।

प्रयागराज,जेएनएन। तीर्थराज प्रयाग चंद दिनों बाद नई परंपरा का साक्षी बनेगा। पहली बार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की पंचकोसी परिक्रमा में किन्नर अखाड़ा के संन्यासी भी शामिल होंगे। संतों व श्रद्धालुओं के साथ किन्नर संन्यासी परिक्रमा का हिस्सा बनकर समस्त परंपराओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह पहला मौका होगा जब किन्नर संन्यासी अखाड़ा परिषद के किसी आयोजन में हिस्सा लेंगे। प्रयागराज की पावन धरा पर ही 2019 के कुंभ मेला में किन्नर संन्यासियों ने जूना अखाड़ा के साथ शाही स्नान किया था।

एक फरवरी से तीन फरवरी तक पंचकोसी परिक्रमा कराने का लिया निर्णय

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने एक से तीन फरवरी तक पंचकोसी परिक्रमा कराने का निर्णय लिया है।  संगम पूजन करके परिक्रमा आरंभ होगी। इसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री महंत हरि गिरि के साथ किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी सहित अन्य किन्नर संन्यासी शामिल होंगे।

संत महात्‍मा और श्रद्धालुओं के साथ किन्नर संन्यासी भी पूरे सम्मान से परिक्रमा में शामिल होंगे

महंत हरि गिरि का कहना है कि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरित मानस में वर्णन किया है कि माघ मास में तीर्थराज प्रयाग में देव, दनुज, किन्नर सभी धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होते हैं तो हम उसे कैसे बदल सकते हैं? संत-महात्माओं व श्रद्धालुओं के साथ किन्नर संन्यासी भी पूरे सम्मान से परिक्रमा में शामिल होंगे।

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