यह है जागरूकता, प्रयागराज के नाविक भी दे रहे Covid19 गाइडलाइन के पालन का संदेश

माघ मेला शुरू हो चुका है। करीब 1500 नावें संगम व गंगा-यमुना के विभिन्न घाटों से संचालित होती हैं। इन पर नाविक व सहयोगी मिलाकर 3000 लोग काम करते हैं। यह सभी आजकल कोविड 19 के समय मास्क पहनकर और लाइफ जैकेट रख कर ही नाव चलाते हैं।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 11:35 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 11:35 AM (IST)
यह है जागरूकता, प्रयागराज के नाविक भी दे रहे Covid19 गाइडलाइन के पालन का संदेश
प्रयागराज के नाविकों में भी कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता है।

प्रयागराज, जेएनएन। तीर्थराज प्रयाग ऋषि मुनियों की ऐसी तपोभूमि है जहां से सदियों पहले से ही धर्म और कर्तव्य परायणता का संदेश दिया जाता रहा है। कुछ ऐसा ही सद्कार्य कर रहे हैं श्रद्धालुओं को संगम तक ले जाने वाले नाविक, जो नाव पर बैठने से पहले लोगों से तीर्थयात्रियों से नाक-मुंह पर मास्क लगाने और हाथ को सेनिटाइज करने को कह रहे हैं। घाट से लेकर संगम तक नाव से यात्रा के दौरान भी कोरोना से बचाव पर ही चर्चा होती है। 

नाविकों ने कोरोना गाइडलाइन का संदेश देने का बीड़ा भी उठाया

माघ मेला शुरू हो चुका है। करीब 1500 नावें संगम व गंगा-यमुना के विभिन्न घाटों से संचालित होती हैं। इन पर नाविक व सहयोगी मिलाकर 3000 लोग काम करते हैं। यह सभी आजकल मास्क पहनकर और लाइफ जैकेट रख कर ही नाव चलाते हैं। इन दिनों नाविकों ने चप्पू के साथ ही कोरोना गाइडलाइन का संदेश देने का बीड़ा भी उठा रखा है। नाविक त्रिवेणी प्रसाद और मनोहर लाल निषाद बताते हैं कि नाव पर तीर्थयात्रियों को कुछ फासले पर ही बैठा रहे हैं। हाथ को सेनिटाइज कराते हैं। कहा कि जो तीर्थयात्री मास्क नहीं लगाए रहते उन्हें नाम पर गमछा ढंककर बैठने को कहा जाता है। घाट से लेकर संगम तक उन्हें बताया जाता है कि यहां लोग दान करते आते हैं। इन दिनों सबसे बड़ी श्रद्धा यही है कि अपने साथ दूसरों का भी बचाव करें। 

आप भी जानें, क्‍या कहते हैं नाविक संघ के अध्‍यक्ष

नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू निषाद ने कहा कि सभी नाविकों को मेला शुरू होने से पहले ही कह दिया गया था कि प्रशासन का सहयोग करें। किसी को भी बिना मास्क के न बैठाएं और खुद भी अपना कोरोना टेस्ट कराएं। बताया कि घाट से लेकर संगम तक नाविक तीर्थयात्रियों को यह संदेश भी दे रहे हैं कि कोरोना से अपना बचाव करें, यह अच्छी बात है।

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