बोले आनंद गिरि-नहीं रहना जेल में, दे दीजिए जमानत

कोर्ट में आनंद गिरि ने कहाकि उन्हें जेल में अब नहीं रहता। जमानत दे दी जाए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 12:55 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 12:55 AM (IST)
बोले आनंद गिरि-नहीं रहना जेल में, दे दीजिए जमानत
बोले आनंद गिरि-नहीं रहना जेल में, दे दीजिए जमानत

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में सोमवार दोपहर ढाई बजे के आसपास महंत नरेंद्र गिरि मृत्यु प्रकरण में पालीग्राफ टेस्ट को लेकर आरोपितों की राय सुनने के लिए सब उत्सुक थे। कोर्ट रूम में लैपटाप से वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए नैनी सेंट्रल जेल से लिक जोड़ा गया। लिक जुड़ते ही मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया कि आरोपितों को पेश करें। आनंद गिरि ने हाथ जोड़कर कहा, 'सर जमानत दे दीजिए। अब जेल में नहीं रहना चाहते।' मजिस्ट्रेट ने कहा जमानत याचिका हमारे यहां से खारिज हो चुकी है। जमानत लेने के लिए सेशन न्यायालय में अर्जी दाखिल करिए। फिर आनंद गिरि बोले-'सर रिमांड अब न बढ़ाई जाए, जमानत दे दी जाए। पुलिस और सीबीआइ की जांच में हर तरीके से सहयोग करेंगे। तीन हफ्ते से सीबीआइ के प्रश्नों का जवाब ही दे रहे हैं, हम दोषी नहीं है।' मजिस्ट्रेट ने आद्याप्रसाद और उनके बेटे संदीप का पक्ष जानना चाहा तो आनंद गिरि बोल पड़े,- 'सर कोई भी पालीग्राफी टेस्ट नहीं कराना चाहता।' केवल परेशान करने के लिए यह सब किया जा रहा है। मजिस्ट्रेट ने आद्या और संदीप की सहमति जानना चाही तो दोनों कैमरे के सामने आए और टेस्ट कराने के लिए मना कर दिया। मजिस्ट्रेट ने पूछा, आप अपने अधिवक्ता से बात करना चाहते हैं तो आनंद गिरि ने सहमति जताई। इस पर लैपटाप का कैमरा उनके अधिवक्ता की ओर घुमाया गया। आनंद गिरि ने अपने अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव, विजय द्विवेदी से कहा कि 'सर जमानत कराइए। हर प्रकार की जांच में सहयोग करेंगे। प्रयास करें आगे और रिमांड न बढ़ाई जाए।' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार आरोपित की सहमति बिना पालीग्राफ टेस्ट नहीं कराया जा सकता।

chat bot
आपका साथी