साहिर ने सिनेमाई गीत संगीत को इंकलाबी ऊंचाई प्रदान की, शताब्दी वर्ष पर संगोष्ठी में बोले रचनाकार

प्रगतिशील लेखक संघ स्वराज विद्यापीठ और इसकफ द्वारा आयोजित संगोष्ठी में प्रो. राजेंद्र ने कहा कि साहिर ने निजी जीवन की तल्खियों को अपनी सृजनात्मकता से समाज के दुख और तकलीफ से मिला दिया था। डा. जनार्दन ने कहा कि साहिर ने सिनेमाई गीत संगीत को इंकलाबी ऊंचाई प्रदान की।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:13 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:13 PM (IST)
साहिर ने सिनेमाई गीत संगीत को इंकलाबी ऊंचाई प्रदान की, शताब्दी वर्ष पर संगोष्ठी में बोले रचनाकार
साहिर ने जिंदगी के सबक अपने निजी अनुभवों से हासिल करके उसे सृजन में ढाला।

प्रयागराज, जेएनएन। जिसकी शायरी आमजन को प्रभावित करे वही बड़ा शायर होता है। साहिर लुधियानवी ऐसे ही शायर थे। उन्होंने जितना समाज से लिया उससे कहीं ज्यादा लौटाया। इसलिए वे बड़े शायर हैं। यह बातें साहिर लुधियानवी के शताब्दी वर्ष पर स्वराज विद्यापीठ में आयोजित संगोष्ठी में अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. राजेंद्र कुमार ने कही। प्रगतिशील लेखक संघ, स्वराज विद्यापीठ और इसकफ द्वारा आयोजित उक्त संगोष्ठी में प्रो. राजेंद्र ने कहा कि साहिर ने निजी जीवन की तल्खियों को अपनी सृजनात्मकता से समाज के दुख और तकलीफ से मिला दिया था। डा. जनार्दन ने कहा कि साहिर ने सिनेमाई गीत संगीत को इंकलाबी ऊंचाई प्रदान की। उनकी शायरी में जो बगावत है वह उनके निजी जीवन के संघर्षों का विस्तार है। साहिर के गीतों में जो प्रेम है वह मुक्ति का एक रूप है। डा. शाहनवाज आलम ने साहिर के समृद्ध लेखन पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि साहिर जीवन के प्रेमी शायर थे। साहिर ने जिंदगी के सबक अपने निजी अनुभवों से हासिल करके उसे सृजन में ढाला।

वो सुबह कभी तो आएगी

असरार गांधी ने स्वागत किया। कार्यक्रम में अशरफ अली बेग, डा. आरसी त्रिपाठी, नसीम अंसारी ने विचार व्यक्त किये। संचालन संध्या नवोदिता व आभार आनंद मालवीय ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अनूप ने ''वो सुबह कभी तो आएगी और इशिता सोनी ने साहिर का गीत ''आसमां में है खुदा और जमी पर हम की सस्वर प्रस्तुति की। इस अवसर पर हरिश्चंद्र पांडेय, अजामिल, स्वप्निल श्रीवास्तव, डा. रमेश पाराशर, विनय त्रिपाठी, प्रकर्ष मालवीय उपस्थित रहे।

साहिब श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर बखानी गुरु महिमा

नैनी गुरुद्वारा संगत की ओर से रविवार को साहिब श्री गुरु नानक देव जी के 552वां पावन प्रकाशपर्व धूमधाम से मनाया गया। फूलों से सजे दरबार में अखंड पाठ के भोग डाले गए। श्रद्धालुओं ने साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मुख मत्था टेका और जीवन की मंगल कामना की। घंटों बैठकर गुरु की अमृतवाणी सुनी। देश-विदेश से पधारे पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्थे ने संगत को शब्द कीर्तन, आरती, गायन, कथा, गुरु इतिहास सुनकर संगत को गुरु घर से जोड़ा। दोपहर बाद गुरु का अटूट लंगर वरता गया । इस मौके पर सुरेंद्र सिंह, ज्ञानी जसपाल सिंह, जेएस चावला, चरनजीत सिंह, सुखबीर सिंह रंधावा, दविंदर अरोड़ा, हरजीत सिंह ढींगरा, सतनाम सिंह, परविंदर सिंह बंटी, किरण, पिंकी, पतविंदर सिंह आदि उपस्थित रहे।

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