चर्चित रूंगटा अपहरण कांड में 24 साल बाद वादी का बयान दर्ज, मुख्तार अंसारी है आऱोपित

वाराणसी जिले के थाना भेलूपुर में महावीर प्रसाद रुंगटा ने एक दिसंबर 1997 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पांच नवंबर 1997 को शाम पांच बजे टेलीफोन पर उन्हें मुख्तार ने धमकी दी थी। कहा था कि अगर पुलिस का सहयोग करेंगे तो बम से उड़ा दिया जाएगा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 08:14 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:59 PM (IST)
चर्चित रूंगटा अपहरण कांड में 24 साल बाद वादी का बयान दर्ज, मुख्तार अंसारी है आऱोपित
वीडियो कांफ्रेंसिग का लिंक न जुड़ पाने के कारण मुख्तार की पेशी नहीं हो सकी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नंदकिशोर रुंगटा अपहरण कांड में 24 साल बाद वादी महावीर प्रसाद रुंगटा का शपथ पूर्वक बयान दर्ज हुआ। एडीजीसी राजेश कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को एमपी एमएलए की विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव के समक्ष बयान दर्ज कराया। हालांकि वीडियो कांफ्रेंसिग का लिंक न जुड़ पाने के कारण मुख्तार की पेशी नहीं हो सकी।

एक माह पहले तय किए गए थे आरोप

एक माह पूर्व ही अदालत ने मुख्तार अंसारी की ओर से प्रस्तुत उन मोचन ( डिस्चार्ज ) प्रार्थना पत्र खारिज कर उसके विरूद्ध आरोप तय किया था। आरोपों से इन्कार कर मुख्तार अंसारी ने गवाहों को परीक्षित कराए जाने की मांग की थी। जिस पर अदालत ने अभियोजन पक्ष से गवाहों को पेश करने का आदेश दिया था। वाराणसी जिले के थाना भेलूपुर में महावीर प्रसाद रुंगटा ने एक दिसंबर 1997 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पांच नवंबर 1997 को शाम पांच बजे टेलीफोन पर उन्हें मुख्तार ने धमकी दी थी। कहा था कि अगर पुलिस का सहयोग करेंगे तो बम से उड़ा दिया जाएगा। उनके भाई नंदकिशोर रुंगटा का 22 जनवरी 1997 को अपहरण हुआ था। पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत कर गवाहों को तलब कर मुख्तार अंसारी को दंडित करने का अदालत से अनुरोध किया था।

अशरफ की दो पत्रावलियां एमपी एमएलए कोर्ट को सुपुर्द

प्रयागराज : बरेली जेल में बंद माफिया अतीक के भाई खालिद अजीज उर्फ अशरफ की दो पत्रावली शुक्रवार को एमपी एमएलए कोर्ट को सुपुर्द की गई। अभी तक यह पत्रावली मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में थी। हत्या व हत्या के प्रयास के मुकदमे में पुलिस द्वारा आरोप पत्र प्रस्तुत किया जा चुका है। पत्रावली मिलने के बाद एमपी एमएलए के विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने सम्मन जारी करके तीन नवंबर को अशरफ को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश करने का आदेश दिया है। सूरजकली ने 11 जुलाई 2016 को थाना धूमनगंज में अशरफ और उनके साथियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। अशरफ और उनके साथियों पर जमीन के विवाद में धमकाने और नहीं मानने पर गोली मारकर हत्या करने, घायल करने का आरोप है।

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