PCS 2021 प्री में बदले आरक्षण व्यवस्था, एक भर्ती में एक बार आरक्षण की मांग

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का तर्क है कि पीसीएस 2015 से 2018 तक की परीक्षाओं में सामान्य व ओबीसी वर्ग की मेरिट लगभग बराबर रही है। इसके पीछे शुरुआत से आरक्षण लागू होना है। प्री और मेंस में आरक्षण लागू होता है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 05:33 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:06 PM (IST)
PCS 2021 प्री में बदले आरक्षण व्यवस्था, एक भर्ती में एक बार आरक्षण की मांग
योग्य अभ्यर्थियों को आगे बढ़ाने का हवाला देकर प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण व्यवस्था खत्म करने की मांग उठी

प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश  लोकसेवा आयोग पीसीएस, एसीएफ-आरएफओ यानी सम्मिलित राज्य/ प्रवर अधीनस्थ सेवा, सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी-2021 की प्रारंभिक परीक्षा 24 अक्टूबर को आयोजित करेगा। सूबे के 31 जिलों में दो सत्रों में परीक्षा कराई जाएगी। अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है। इसके पहले योग्य अभ्यर्थियों को आगे बढ़ाने का हवाला देकर प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण व्यवस्था खत्म करने की मांग उठी है। जाति/वर्गवार आरक्षण पूरी भर्ती में सिर्फ एक बार देने की मांग की जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। 

इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल

इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई है। याचिका पर अक्टूबर महीने के अंत तक सुनवाई होने के आसार हैं। याचिका दाखिल करने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का तर्क है कि पीसीएस 2015 से 2018 तक की परीक्षाओं में सामान्य व ओबीसी वर्ग की मेरिट लगभग बराबर रही है। इसके पीछे शुरुआत से आरक्षण लागू होना है। प्री और मेंस में आरक्षण लागू होता है। इसके बाद अंतिम परिणाम तैयार करते समय भी आरक्षण लागू किया जाता है। इससे  सामान्य वर्ग के योग्य अभ्यर्थी बाहर कर दिए जाते हैं। बताते हैं कि वर्तमान परीक्षा प्रक्रिया में संविधान एवं उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली के तहत किसी भी परीक्षा प्रणाली में सिर्फ एक बार आरक्षण देने का प्रविधान है, जो परीक्षा के किसी भी चरण में लाभार्थी को दिया जा सकता है, परंतु इसका पालन नहीं हो रहा है। इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कानून के अनुरूप कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।

पीएम को ट्वीट कर मांगा भर्ती में मौका और आयु छूट

प्रयागराज : विभिन्न विभागों के रिक्त पदों को भरने की मांग को लेकर रोजगार आंदोलन चला रहे युवा मंच ने अब प्रधानमंत्री को ट्वीट कर नई मांग उठाई है। कहा है कि कोविड-19 से संक्रमित हो चुके छात्र-छात्राओं को सिविल सर्विसेज परीक्षा में दो साल उम्र सीमा की छूट व एक मौका दिया जाना चाहिए। इसकी मांग प्रतियोगी कोरोना संक्रमण कम होने के बाद से ही कर रहे हैैं। युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने बताया कि कार्यकर्ताओं के साथ रोजगार आंदोलन के समर्थन और 20 अक्टूबर को महाआंदोलन की सफलता के लिए जनसंपर्क व हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संघ लोक सेवा आयोग को आयु सीमा में छूट और परीक्षा में सम्मिलित किए जाने के लिए एक मौका देने के लिए निर्देशित करने की मांग की गई है।

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