Allahaad University पीएचडी प्रवेश में रोड़ा बना आरक्षण रोस्टर, प्रवेश समिति की बैठक के बाद शुरू होगी दाखिले की प्रक्रिया

37 विषयों में पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा का परिणाम 10 मार्च को जारी किया जा चुका है। हैरानी वाली बात तो यह है कि छह विषयों में एक भी योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले। केवल गणित में नेट-जेआरएफ में उत्तीर्ण 23 अभ्यर्थी इंटरव्यू में हिस्सा लेंगे।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 06:06 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 06:06 PM (IST)
Allahaad University  पीएचडी प्रवेश में रोड़ा बना आरक्षण रोस्टर, प्रवेश समिति की बैठक के बाद शुरू होगी दाखिले की प्रक्रिया
परिणाम जारी हुए एक महीने बीत गए। हालांकि, अब तक प्रवेश की प्रक्रिया नहीं शुरू की जा सकी।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए लिए संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट-2020) का परिणाम जारी हुए एक महीने बीत गए। हालांकि, अब तक प्रवेश की प्रक्रिया नहीं शुरू की जा सकी। अब आरक्षण रोस्टर इसमें रोड़ा बना है। प्रवेश समिति की बैठक के बाद ही दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। इस लिहाज से अभी लेवल-टू के लिए अभ्यर्थियों को इंतजार करना पड़ सकता है। प्रस्तुत है जागरण संवाददाता की खास रिपोर्ट...।

लेवल-वन में 781 को कामयाबी
37 विषयों में पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा का परिणाम 10 मार्च को जारी किया जा चुका है। हैरानी वाली बात तो यह है कि छह विषयों में एक भी योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले। केवल गणित में नेट-जेआरएफ में उत्तीर्ण 23 अभ्यर्थी इंटरव्यू में हिस्सा लेंगे। बाकी कुछ विषयों में इक्का-दुक्का और कुछ की सीटें पूरी तरह से खाली ही जाएंगी। इसके अलावा अन्य 31 विषयों में कुल 781 अभ्यॢथयों को सफलता मिली है।

आरक्षण पर प्रवेश समिति लेगी फैसला
पीएचडी प्रवेश परीक्षा का परिणाम तो जारी कर दिया, लेकिन लेवल-1 का रिजल्ट अब तक विभागों को नहीं भेजा गया है। इविवि के क्रेट कोऑॢडनेटर ने आरक्षण रोस्टर पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए विधिक सलाह मांगी थी। आरक्षण रोस्टर के निर्धारण पर कुलपति की अध्यक्षता में प्रवेश समिति मुहर लगाएगी। इसके बाद प्रवेश के लिए रिजल्ट विभागों को भेजे जाएंगे। दो-तीन दिनों में इस मसले पर निर्णय लिया जा सकता है।

विवाद से बचने के लिए जद्दोजहद
पिछले सत्र में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया काफी विवादित रही। आरक्षण रोस्टर एक समान न होने से पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया काफी देर से शुरू हुई और विवाद के कारण मामला न्यायालय तक पहुंच गया। पिछले सत्र में इविवि का प्रवेश प्रकोष्ठ यह तय नहीं कर सका था कि आरक्षण रोस्टर इविवि एवं संघटक कॉलेजों के सभी विभागों को एक यूनिट मानकर लागू करना है या विश्वविद्यालय और कॉलेज अलग-अलग विभागवार रोस्टर लागू करेंगे।


21 अप्रैल तक इविवि आधिकारिक तौर पर बंद है। ऐसे में अब विश्वविद्यालय खुलने के बाद ही प्रवेश समिति की बैठक होगी। वहां लिए गए निर्णय के आधार पर ही विभागों को प्रवेश परीक्षा के परिणाम भेजे जाएंगे। इसके बाद विभाग अपने स्तर से लेवल-2 के तहत इंटरव्यू कराकर प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे।
- प्रो. आइआर सिद्दीकी, को-आर्डिनेटर, क्रेट-2020

ये हैं आंकड़े
28 जुलाई से इविवि समेत कॉलेजों में पीएचडी प्रवेश के लिए मांगे गए थे आवेदन
05 सितंबर तक ऑनलाइन मोड में आवेदन की निर्धारित की गई थी अंतिम तिथि
17 जनवरी को शहर के 14 केंद्रों पर ऑफलाइन मोड में कराई गई थी प्रवेश परीक्षा
625 सीटों में 203 इविवि और बाकी सीटों पर कॉलेजों में प्रवेश दिए जाने पर मुहर
10 मार्च को ङ्क्षहदी को छोड़कर अन्य विषयों के जारी कर दिए गए थे परीक्षा परिणाम
37 विषयों में पीएचडी में दाखिले के लिए तकरीबन 7200 ने किए थे आवेदन
31 विषयों में कुल 781 अभ्यॢथयों ने हासिल की कामयाबी
06 विषयों में एक भी योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने से खाली रह जाएंगी पीएचडी की सीटें
23 अभ्यर्थी केवल गणित में नेट-जेआरएफ में उत्तीर्ण मिले वही इंटरव्यू में हिस्सा लेंगे
21 अप्रैल को इविवि खुलने के बाद ही प्रवेश पर लिया जा सकेगा कोई निर्णय

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