प्रजननकाल नवजीवन की तरह, बढ़ जाती है याददाश्त

पक्षियों का प्रजनन काल हो अथवा महिलाओं में मातृत्व का समय यह नवजीवन की तरह होता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:24 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:24 PM (IST)
प्रजननकाल नवजीवन की तरह, बढ़ जाती है याददाश्त
प्रजननकाल नवजीवन की तरह, बढ़ जाती है याददाश्त

गुरुदीप त्रिपाठी, प्रयागराज : पक्षियों का प्रजनन काल हो अथवा महिलाओं में मातृत्व का समय, यह नवजीवन की तरह होता है। इस अवधि में मस्तिष्क की सभी तंत्रिकाएं सक्रिय हो जाती हैं। याददाश्त बढ़ने से लेकर किसी कौशल को सीखने की क्षमता सबसे अच्छी होती है। कह सकते हैं छठी इंद्रियां भी सक्रिय रहती हैं। ऐसा मस्तिष्क के केंद्र हिप्पोकैंपस की सक्रियता बढ़ने से होता है। यह तथ्य इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर केपी सिंह के शोध में सामने आया है।

प्रोफेसर सिंह के अनुसार शोध छात्रा कीर्ति ओझा के साथ उन्होंने नीलकंठ की कोरासेस बेंगालेसेस प्रजाति पर पांच वर्ष तक शोध किया। इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि मई, जून और जुलाई में होने वाले प्रजनन काल के दौरान नीलकंठ (नर व मादा) के व्यवहार में काफी बदलाव होता है। दोनों एक-दूसरे को रिझाते हैं। आकाश में लंबी उड़ान भरकर कभी ऊपर तो कभी नीचे गुलाटियां खाते हैं। इस अवधि में मस्तिष्क के स्मृति केंद्र (हिप्पोकैंपस) का आकार बढ़ जाता है। साथ ही मस्तिष्क की तंत्रिकाएं सक्रिय हो जाती हैं। इस दौरान नीलकंठ को इस बात का बखूबी अंदाजा होता है कि घोसला कहां और कैसे बनाना है? उसकी सुरक्षा कैसे करनी है। यह तथ्य भी सामने आया कि यह सीखने का विशेष समय होता है। इस अवधि में सीखी गईं चीजें उम्रभर याद रहती हैं। प्रोफेसर सिंह का दावा है कि मनुष्य और नीलकंठ के मस्तिष्क में काफी समानता होती है। इसलिए कहा जा सकता है कि ऐसे ही बदलाव मनुष्यों में भी होते हैं। उनकी भी याददाश्त इस अवधि में बेहतर होती है। यह शोध जर्मनी के प्रतिष्ठित जर्नल जुलाजी में प्रकाशित हुआ है।

13 नीलकंठ पर हुआ यह शोध

नीलकंठ पर शोध से अप्रैल 2016 में वन विभाग के लखनऊ मुख्यालय स्थित उच्चाधिकारियों से अनुमति मांगी गई। वहां से अनुमति मिलने के बाद बहेलिये से संपर्क किया गया। उसने शोध के लिए 13 नीलकंठ उपलब्ध कराए। इन्हें रखने के लिए विश्वविद्यालय में एवियली हाउस बनाया गया, ताकि रहन-सहन और स्वभाव का अध्ययन किया जा सके। फिर नीलकंठ के दिमाग की सर्जरी की गई। मस्तिष्क के स्मृति केंद्र (हिप्पोकैंपस) को निकालकर टुकड़ों में बांटकर शोध किया गया। प्रजनन काल से पहले और बाद की अपेक्षा प्रजनन काल में स्मृति केंद्र के आकार में बदलाव मिला।

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