अगर अच्छे अंक पाने हैं तो दूर करें मात्रात्मक त्रुटि

विज्ञान विषय कठिन नहीं है। इसे बस ध्यान से पढ़ने और समझने की जरूरत है। प्रश्नों के उत्तर देते समय विषयवस्तु को व्यवस्थित रखें। जो लिखें उसे बिखरने न दें। यदि पूरे प्रश्न का उत्तर न पता हो तो जितना पता हो उतना सही सही लिखें। पूरे अंक तो नहीं लेकिन कुछ न कुछ जरूर मिलेंगे। जो विद्यार्थी पाठ्यक्रम को ठीक से दोहरा लेंगे और आंकिक प्रश्नों पर ध्यान देंगे वह शत फीसद अंक भी हासिल कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 04:47 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 04:47 AM (IST)
अगर अच्छे अंक पाने हैं तो दूर करें मात्रात्मक त्रुटि
अगर अच्छे अंक पाने हैं तो दूर करें मात्रात्मक त्रुटि

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : विज्ञान विषय कठिन नहीं है। इसे बस ध्यान से पढ़ने और समझने की जरूरत है। प्रश्नों के उत्तर देते समय विषयवस्तु को व्यवस्थित रखें। जो लिखें उसे बिखरने न दें। यदि पूरे प्रश्न का उत्तर न पता हो तो जितना पता हो उतना सही सही लिखें। पूरे अंक तो नहीं लेकिन कुछ न कुछ जरूर मिलेंगे। जो विद्यार्थी पाठ्यक्रम को ठीक से दोहरा लेंगे और आंकिक प्रश्नों पर ध्यान देंगे वह शत फीसद अंक भी हासिल कर सकते हैं।

जीआइसी के शिक्षक प्रभाकर सिंह बताते हैं कि विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए कोविड-19 के दौर में 30 फीसद पाठ्यक्रम कम कर दिया गया है। परीक्षा के समय उसे पढ़कर समय न खराब करें। हाईस्कूल में 70 अंक की लिखित परीक्षा और 30 अंक का प्रयोगात्मक एवं प्रोजेक्ट कार्य होता है। न्यूनतम उत्तीर्णाक क्रमश: 23 और 10 अंक कुल 33 अंक निर्धारित है। प्रश्नपत्र का स्वरूप

तीन खंड में होगा प्रश्नपत्र, भौतिक से 25 अंक, रसायन से 20 अंक और जीव विज्ञान से 20 अंक के प्रश्न पूछे जाएंगे। कैसे कैसे होंगे प्रश्न

तीन खंडों में रहेगा प्रश्नपत्र, प्रश्नपत्र में कुल 12 प्रश्न पूछे जाएंगे। अंक विभाजन के अनुसार कुल 29 प्रश्न रहेंगे। खंड क भौतिक का

एक- एक अंक के चार बहु विकल्पी, दो अंक वाले तीन, चार अंक वाले दो प्रश्न व सात अंक का एक प्रश्न आएगा। खंड ख रसायन का

एक- एक अंक के तीन बहुविकल्पी, दो अंक के पांच, सात अंक का एक व रसायन विज्ञान संबंधी प्रश्न 20 अंक के होंगे। तीसरा खंड जीव विज्ञान का

25 अंक के प्रश्न पूछे जाएंगे, एक अंक के बहुविकल्पी चार, दो अंक के तीन, चार अंक के दो व सात अंक का एक होगा।

किस इकाई के कितने अंक

-रासायनिक पदार्थ- प्रकृति एवं व्यवहार से 20 अंक के प्रश्न रहेंगे।

- जैव जगत- से भी 20 अंक के प्रश्न पूछे जाएंगे।

- प्राकृतिक घटनाएं इकाई से 12 अंक के प्रश्न रहेंगे।

- विद्युत का प्रभाव इकाई से 13 अंक का प्रश्न रहेगा।

- प्राकृतिक संसाधन इकाई से पांच अंक के प्रश्न रहेंगे।

विद्यार्थियों के लिए लाभकारी टिप्स

- भौतिक विज्ञान खंड में सूल आधारित छोटे छोटे आंकिक प्रश्नों का चरणबद्ध तरीके से जवाब दें। प्रकाश और विद्युत धारा का पाठ महत्वपूर्ण है।

- रसायन विज्ञान खंड में रासायनिक समीकरण अवश्य लिखें।

- आधुनिक आवर्ती सारिणी पर कई प्रश्न पूछे जाते हैं।

- कार्बनिक यौगिकों का अध्ययन सरल है, इसे सम्यक रूप से तैयार करें।

- जीव विज्ञान के प्रश्न अधिक अंक हासिल करने में सहायक होते हैं।

- आवश्यक हो चित्र जरूर बनाएं, उनका नामांकन भी किया जाना चाहिए।

- जरूरत के अनुसार फ्लो चार्ट बना बिंदुवार विषय को जरूर स्पष्ट करें।

-पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित प्रश्नों की तैयारी महत्वपूर्ण। कोविड-19 में पाठ्यक्रम से कम किए गए पाठ

-धातु एवं अधातु- धातु तथा अधातुओं के गुणधर्म, आयनिक यौगिकों का निर्माण तथा गुणधर्म

- तत्वों का आवर्त वर्गीकरण- तत्वों के वर्गीकरण के प्रारंभिक प्रयास (डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंडस का आष्टक सिद्धांत)

- जंतुओं तथा पौधों में नियंत्रण एवं समन्वय- पौधों में दिशिक गति, पादप हार्मोनों का परिचय, जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय, तंत्रिका तंत्र ऐच्छिक पेशियां तथा अनैच्छिक पेशियां, प्रतिवर्ती क्रिया, रासायनिक समन्वय- जंतुओं में हार्मोन।

-प्राकृतिक संसाधन- ऊर्जा के स्रोत- बायोगैस।

- हमारा पर्यावरण- पारितंत्र, ओजोन परत का अपक्षयन।

- अपवर्तन- आवर्धन, लेंस की क्षमता, प्रकाश का प्रकीर्णन, दैनिक जीवन में अनुप्रयोग।

- विद्युत का प्रभाव - दैनिक जीवन में उपयोग।

-विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव- दिष्ट धारा की तुलना में प्रत्यावर्ती धारा से लाभ, घरेलू विद्युत परिपथ। गुरु मंत्र

पहले जो टॉपिक अच्छा लगे उसे पढ़ें, पाठ्य पुस्तक पढ़ें, गाइड और प्रश्न बैंक में कई बार भ्रामक तथ्य प्रकाशित होते हैं जिससे कठिनाई होती है, अच्छे अंक के लिए आत्मविश्वास जरूरी है, बिना तनाव लिए परीक्षा की तैयारी करें, एकाग्रता बनाने की कोशिश करें, लिखकर अभ्यास जरूर करें, मात्रात्मक त्रुटि को जरूर दूर करें, कई बार यह नंबर कटने की वजह बनते हैं समय प्रबंधन का विशेष ध्यान रखें।

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