Corona Third Wave: तीसरी लहर की आशंका के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयागराज में स्टाक कमजोर

तीसरी लहर की आहट के मद्देनजर रेमडेसिविर ही नहीं टैबलेट फेरापिराविर के स्टाक की आवश्यकता को जरूरी कर दिया है। वहीं दूसरी ओर औषधि प्रशासन विभाग इस पर ज्यादा जोर नहीं दे रहा है क्योंकि शासन में अभी इन दवाओं पर संशय है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 09:27 AM (IST)
Corona Third Wave: तीसरी लहर की आशंका के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रयागराज में स्टाक कमजोर
रेमडेसिविर और फेरापिराविर की कालाबाजारी कोरोना की तीसरी लहर के दौरान भी होने की आशंका है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अब बात जब कोरोना महामारी की तीसरी लहर की होने लगी है तो रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता, उपयोगिता और इस पर विश्वास की बहस शुरू होना लाजिमी है। लेकिन जिस रेमडेसिविर ने जरूरत के मामले में तीमारदारों के मन मस्तिष्क पर गहरी पैठ बनाई थी स्वास्थ्य विभाग में उसकी तैयारी अभी कमजोर है। तीसरी लहर की आहट के मद्देनजर रेमडेसिविर ही नहीं, टैबलेट फेरापिराविर के स्टाक की आवश्यकता को जरूरी कर दिया है। वहीं दूसरी ओर औषधि प्रशासन विभाग इस पर ज्यादा जोर नहीं दे रहा है क्योंकि शासन में अभी इन दवाओं पर संशय है। जीवन रक्षक इन दवाओं के बारे में जानिए दैनिक जागरण की पड़ताल में।  

नंबर गेम :

2000 रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हैं जनपद में

1100 इंजेक्शन हैं एसआरएन के स्टाक में

109 रेमडेसिविर इंजेक्शन हैं सीएमओ के स्टाक में

100 इंजेक्शन हैं रेलवे अस्पताल के पास

500 इंजेक्शन हैं प्राइवेट दवा व्यापारियों के स्टाक में

200 इंजेक्शन निजी अस्पतालों के पास

06 इंजेक्शन का कोर्स है एक संक्रमित पर

100 एमएल की दो डोज लगती है पहली बार में

100 एमएल की एक-एक डोज लगती है अगले चार दिन

05 दिन वायरल लोड अधिक होने पर उपयोग होता है कारगर

फेरापिराविर के बारे में

1800 एमएल की डोज पहले दिन सुबह शाम

800 एमएल की डोज अगले पांच दिनों तक एक बार

01 ही है फेरापिराविर और रेमडेसिविर का काम।

दूसरी लहर में कालाबाजारी थी चरम पर

दूसरी लहर में मांग बढऩे पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी ने अन्य वस्तुओं की ओवर रेटिंग के सभी रिकार्ड तोड़ दिए थे। चार हजार रुपये का इंजेक्शन 15 से 20 हजार में भी बिका था और तीमारदारों ने अपने स्वजन की जान बचाने के लिए इतनी अधिक रकम देने में भी कोई कोताही नहीं की थी। कालाबाजारी में तो कई डाक्टर भी प्रदेश भर में पकड़े गए थे।

कालाबाजारी पर अभी कोई योजना नहीं

रेमडेसिविर और फेरापिराविर की कालाबाजारी कोरोना की तीसरी लहर के दौरान भी होने की आशंका है। लेकिन जिले में इसे रोकने की अभी कोई नीति नहीं बनी है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग और औषधि प्रशासन विभाग एक तरह से इन दवाओं को गैरजरूरी बता रहा है।

जरूरत पड़ी तो शासन से करेंगे मांग

सीएमओ डाक्‍टर नानक सरन कहते हैं कि रेमडेसिविर और फेरापिराविर की अभी जरूरत नहीं है। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी चल रही है, फिलहाल दवाएं पर्याप्त हैं। फेरापिराविर रेमडेसिविर से ज्यादा कारगर साबित हुई है। अभी यह उपलब्ध नहीं। यदि तीसरी लहर आई और जरूरत महसूस की जाएगी तो मांग होगी और शासन इसकी सप्लाई कर सकता है।

सरकार का कोई निर्देश नहीं

ड्रक इंस्‍पेक्‍टर गोविंदलाल गुप्‍ता ने कहा कि रेमडेसिविर और फेरापिराविर के उपयोग पर सरकार का कोई निर्देश नहीं है। रेमडेसिविर पर्याप्त है लेकिन फेरापिराविर टैबलेट वापस कर दी गई है। सरकार ने फेरापिराविर को भी एलाऊ नहीं किया है। इन दवाओं को कोई डाक्टर अभी लिख भी नहीं रहे हैं। कोरोना दरअसल वायरल संक्रमण है और इसके लिए दवाएं मौजूद हैं। एंटीबायोटिक तो सेकेंडरी है।

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