व्‍यापारी ध्‍यान दें, छह महीने तक रिटर्न नहीं जमा किया है तो निरस्त हो जाएगा रजिस्ट्रेशन Prayagraj News

वाणिज्य कर विभाग प्रयागराज के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन दयाशंकर तिवारी कहते हैं कि समय से रिटर्न फाइल नहीं करने पर व्यापारी के खिलाफ सेक्शन 62 के तहत कर निर्धारण और धारा 125 के तहत अर्थदंड की कार्रवाई की जा सकती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 09:37 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 09:37 PM (IST)
व्‍यापारी ध्‍यान दें, छह महीने तक रिटर्न नहीं जमा किया है तो निरस्त हो जाएगा रजिस्ट्रेशन Prayagraj News
लगातार छह माह से रिटर्न नहीं दाखिल करने वाले व्यापारी अब वाणिज्यकर विभाग के निशाने पर हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। ऐसे में व्यापारियों को सतर्क रहने की जरूरत है। लगातार छह माह से रिटर्न नहीं दाखिल करने वाले व्यापारी अब वाणिज्यकर विभाग के निशाने पर हैं। ऐसे व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन निरस्त किए जा रहे हैं। अप्रैल, मई और जून में रिटर्न नहीं जमा करने वालों को नोटिस भेजा जा रहा है। एक हजार का पंजीकरण निरस्त अकेले प्रयागराज जोन में अब तक करीब एक हजार ऐसे व्यापारियों का पंजीकरण निरस्त किया जा चुका है, जिन्होंने छह महीने से रिटर्न दाखिल नहीं किया है। ऐसे व्यापारियों को चिन्हित करने की कार्रवाई जारी है।

कारोबारियों को नोटिस भेजा जा रहा है

अप्रैल महीने में मासिक रिटर्न जीएसटीआर-3 बी नहीं जमा करने वाले करीब 10.37 फीसद, मई में लगभग 12.3 और जून में 20.7 फीसद कारोबारियों को नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस भेजने के 15 दिन के अंदर रिटर्न नहीं दाखिल करने पर उनका असेसमेंट ऑनलाइन भेजा जा रहा है। इसके बाद भी महीने भर के अंदर रिटर्न न दाखिल करने पर व्यापारियों को डिमांड नोटिस भेजकर वसूली की जाएगी।

अंतिम तिथि का भी रखें ध्यान

ऐसे व्यापारी जिनका वाíषक टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से ज्यादा है, उनके लिए अगस्त तक का रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर बीत चुकी है। हालांकि पांच करोड़ से कम सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए जुलाई महीने का रिटर्न भरने की आखिरी तिथि 29 सितंबर यानी मंगलवार और अगस्त महीने का रिटर्न भरने की अंतिम तिथि तीन अक्टूबर तय है। इसके बाद 50 रुपये विलंब शुल्क जमा करना पड़ेगा।

बोले वाणिज्‍य कर विभाग के एडिशनल कमिश्‍नर

वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन दयाशंकर तिवारी कहते हैं कि समय से रिटर्न फाइल नहीं करने पर व्यापारी के खिलाफ सेक्शन 62 के तहत कर निर्धारण और धारा 125 के तहत अर्थदंड की कार्रवाई की जा सकती है।

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